टॉप न्यूज़भारतविश्वराज्यबिजनस
खेल | क्रिकेटअन्य खेल
बॉलीवुड केसरीराशिफलसरकारी योजनाहेल्थ & लाइफस्टाइलट्रैवलवाइरल न्यूजटेक & ऑटोगैजेटवास्तु शस्त्रएक्सपलाइनेर
Advertisement

5 सिंह साहिबान की बैठक 14 जून को श्री अकाल तख्त साहिब पर

श्री अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह ने अन्य तख्तों के सिंह साहिबानों की विशेष बैठक 14 जून को श्री अकाल तख्त साहिब सचिवालय दरबार साहिब में बुलाई है

03:04 PM Jun 14, 2018 IST | Desk Team

श्री अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह ने अन्य तख्तों के सिंह साहिबानों की विशेष बैठक 14 जून को श्री अकाल तख्त साहिब सचिवालय दरबार साहिब में बुलाई है

लुधियाना- अमृतसर : सिख पंथ में मनमुटाव और उतार-चढ़ाव के चलते सिखों की सर्वोच्च संस्था श्री अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह ने अन्य तख्तों के सिंह साहिबानों की विशेष बैठक 14 जून को श्री अकाल तख्त साहिब सचिवालय दरबार साहिब में बुलाई है। उस बैठक में चीफ खालसा दीवान के पूर्व प्रधान चरणजीत सिंह चड्ढा को सिरोपा देकर सम्मानित किए जाने का मामले पर भी विचार-विमर्श होने की पूरी संभावना है। जबकि संत नारायण दास द्वारा सिख धर्म के पांचवें गुरु श्री गुरु अर्जुन देव जी के प्रति की गई आपत्तिजनक टिप्पणी से उठे बवाल के बाद ईमेल के माध्यम से भेजे गए माफीनामा पर विचार होने की उम्मीद है। इसके अलावा इसे लेकर कोई सख्त फैसला भी लिया जा सकता है।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक हरिद्वार के नजदीक ऋषिकेश निवासी संत नारायण दास का माफीनामा एक पूर्व फैडरेशन प्रमुख के माध्यम से श्री अकाल तख्त साहिब और शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी ) को भेजा गया है,लेकिन उक्त माफीनामा जत्थेदार गुरबचन सिंह को हासिल हुआ या नहीं इस बारे में कोई भी बोलने को तैयार नहीं है। चार दिन पहले एसजीपीसी के एक सचिव ने कहा था कि अभी तक ऐसा कोई माफीनामा नहीं मिला। यह मामला सिंह साहिबानों की गले की हड्डी बनता जा रहा है। इसी तरह, बैठक में दीवान खालसा के पूर्व प्रधान 85 वर्षीय चरणजीत सिंह चड्ढा को सिरोपा देने का मामला भी छाए रहने की संभावना है। स्मरण रहे कि श्री अकाल तख्त साहिब ने चरणजीत सिंह चडढा को गैर महिला के साथ संबंध रखने पर पंथ से छेक दिया था।

सिंह साहिबान इस मसले पर ठोस फैसला लेते हुए श्री हरिमंदिर साहिब के श्री गुरु रामदास लंगर हाल में चड्ढा को सम्मानित करने वाले एसजीपीसी अधिकारी को भी तलब कर सकते हैं। गौर हो कि सीकेडी के पूर्व प्रधान चड्ढा पर जत्थेदार गुरबचन सिंह ने दो साल के लिए धार्मिक, सामाजिक कार्यक्रमों में शमूलियत करने, मंच से बोलने व उन्हें(चड्ढा को ) किसी भी तरह सम्मानित करने पर पाबंदी लगा रखी है। इसके अलावा कनाडा के प्रवासी भारतीय सिख हरनेक नेकी द्वारा की गई आपतिजनक टिप्पणी को लेकर भी कोई सख्त फैसला लिया जा सकता है।

इसलिए भी ले सकते हैं सख्त फैसले
पंथक सूत्रों के अनुसार जत्थेदार गुरबचन सिंह की अभी तक की भूमिका से बादल परिवार नाखुश है। सूत्रों के अनुसार बादल परिवार ज्ञानी जगतार सिंह को जत्थेदार के विकल्प के रूप में देख रहा है। सूत्रों के अनुसार जत्थेदार को हटाने की कवायद अंदरखाते चल रही है। बादल परिवार के असंतुष्ट होने की भनक जत्थेदार को भी है, इसलिए वह सिख पंथ के हितों में कुछेक सख्त फैसले लेना चाहते हैं ताकि बादल परिवार के समक्ष उनकी छवि में सुधार हो सके तथा वह बादल परिवार की गुडबुक में बने रहें।

– सुनीलराय कामरेड

Advertisement
Advertisement
Next Article