अमेरिका में स्टील-एल्युमिनियम पर 50% टैरिफ लागू, भारत पर पड़ेगा असर
अमेरिका का टैरिफ बढ़ा, भारत की अर्थव्यवस्था पर गहरा असर
अमेरिका ने स्टील और एल्युमिनियम आयात पर टैरिफ को 50% तक बढ़ा दिया है, जिससे भारत की मार्केट हिस्सेदारी और मुनाफे पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। GTRI ने चेताया है कि भारतीय उत्पाद महंगे हो सकते हैं और अमेरिकी बाजार में पिछड़ सकते हैं।
अमेरिका में आज से स्टील और एल्युमिनियम आयात पर 50% टैरिफ लागू हो गया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इस संबंध में आदेश पर दस्तखत कर दिए हैं। यह फैसला अमेरिका के ट्रेड एक्सपेंशन एक्ट 1962 की धारा 232 के तहत राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए लिया गया है। पहले इन धातुओं पर 25% टैरिफ था, जिसे अब दोगुना कर दिया गया है। हालांकि, ब्रिटेन को इस टैरिफ से छूट दी गई है और उस पर 25% की दर ही लागू रहेगी, क्योंकि दोनों देशों के बीच ट्रेड डील पर बातचीत जारी है। GTRI ने चेताया है कि बढ़ा हुआ टैरिफ भारत की मार्केट हिस्सेदारी और मुनाफे पर असर डाल सकता है। महंगे दामों के चलते भारतीय उत्पाद अमेरिकी बाजार में पिछड़ सकते हैं और दूसरे देशों को फायदा मिल सकता है। इससे भारत के मेटल सेक्टर को लॉन्ग टर्म नुकसान भी हो सकता है।
भारत को होगा सीधा आर्थिक नुकसान
ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका के इस फैसले से भारत के स्टील और एल्युमिनियम सेक्टर को बड़ा झटका लग सकता है। भारत ने वित्त वर्ष 2025 में अमेरिका को करीब 4.56 बिलियन डॉलर (लगभग 39 हजार करोड़ रुपए) का मेटल एक्सपोर्ट किया है। इसमें 587.5 मिलियन डॉलर का लोहा और स्टील, 3.1 बिलियन डॉलर के उससे जुड़े प्रोडक्ट्स और 860 मिलियन डॉलर का एल्युमिनियम और संबंधित वस्तुएं शामिल हैं। टैरिफ बढ़ने से इन प्रोडक्ट्स की कीमत अमेरिकी बाजार में बढ़ जाएगी, जिससे उनकी प्रतिस्पर्धात्मकता प्रभावित होगी।
भारत की बाजार हिस्सेदारी पर संकट
GTRI ने चेताया है कि बढ़ा हुआ टैरिफ भारत की मार्केट हिस्सेदारी और मुनाफे पर असर डाल सकता है। महंगे दामों के चलते भारतीय उत्पाद अमेरिकी बाजार में पिछड़ सकते हैं और दूसरे देशों को फायदा मिल सकता है। इससे भारत के मेटल सेक्टर को लॉन्ग टर्म नुकसान भी हो सकता है।
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ट्रम्प की ‘नेशनल सिक्योरिटी’ रणनीति
राष्ट्रपति ट्रम्प ने पहले भी फरवरी में स्टील और एल्युमिनियम पर 25% टैरिफ लगाया था। लेकिन अब इसे 50% कर देने के पीछे उनका तर्क है कि आयातित मेटल अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकता है। 1962 के एक्ट के तहत उन्हें ऐसा करने का अधिकार है। हालांकि, इस कदम को वैश्विक व्यापार में संरक्षणवाद की दिशा में एक और कड़ा कदम माना जा रहा है।