भारत में पैर पसार रहा HMPV वायरस, तमिलनाडु में मिले दो नए केस
भारत में HMPV वायरस के 7 केस दर्ज किए गए
चीन का HMPV वायरस ने भारत में भी दस्तक दे दी है। भारत में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के तीन मामले पहले ही पता चल चुके हैं। दो मामले कर्नाटक के बेंगलुरु में पाए गए हैं जबकि एक अन्य मामला गुजरात में दर्ज किया गया था। अब तमिलनाडु में दो नए केस मिले है। पहला मामला चेन्नई और दूसरा सलेम में मिला है। HMPV के दो नए केस मिलने के बाद मुख्य सचिव ने कहा कि दोनों प्रभावित व्यक्तियों की हालत फिलहाल स्थिर है। सामान्य श्वसन वायरल में कोई महत्वपूर्ण वृद्धि नहीं देखी गई है।
तमिलनाडु सरकार के डीआईपीआर द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस HMPV कोई नया वायरस नहीं है और यह पहले से ही प्रसारित वायरस है जिसकी पहली बार 2001 में पहचान की गई थी। एचएमपीवी संक्रमण स्व-सीमित है और पर्याप्त जलयोजन और आराम सहित लक्षणात्मक देखभाल से ठीक हो जाता है। एचएमपीवी का उपचार लक्षणात्मक और सहायक है। वर्तमान में, ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के 2 मामले सामने आए हैं, एक चेन्नई में और एक सलेम में। वे स्थिर हैं और उनकी निगरानी की जा रही है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने दिया आश्वासन
भारत सरकार ने स्पष्ट किया कि एचएमपीवी वायरस स्थिर बना हुआ है और यह चिंता का विषय नहीं है। एचएमपीवी की रोकथाम किसी भी अन्य श्वसन संक्रमण की तरह ही है जैसे छींकते/खांसते समय अपना मुंह और नाक ढकना, हाथ धोना, भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनना जरुरी है। जनता को आश्वस्त किया जाता है कि एचएमपीवी आमतौर पर आत्म-सीमित और प्रबंधनीय है। घबराने की कोई जरूरत नहीं है।
वहीं स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने स्पष्ट किया है कि HMPV कोई नया वायरस नहीं है। इसकी पहली बार पहचान 2001 में हुई थी। HMPV हवा के माध्यम से फैलता है और सभी आयु वर्ग के लोगों को प्रभावित कर सकता है। वायरस सर्दियों और शुरुआती वसंत के महीनों में अधिक फैलता है। ICMR और नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (NCDC) घटनाक्रम पर नज़र रख रहे हैं और किसी भी उभरती स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने के लिए देश की तैयारी सुनिश्चित कर रहे हैं।