बांग्लादेश में फिर भड़की हिंसा की आग, गोलीबारी में गई 7 लोगों की जान!
बांग्लादेश के गोपालगंज जिले में एक बार फिर हालात बेकाबू हो गए हैं. यहां हुई गोलीबारी में कम से कम 3 लोगों की मौत हो गई है. वहीं दर्जनों घायल लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. बता दें कि गोपालगंज बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना का गढ़ माना जाता है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, घटना की शुरुआत नेशनल सिटीजन्स पार्टी (एनसीपी) द्वारा आयोजित एक रैली से हुई. यह रैली बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की जन्मस्थली गोपालगंज में आयोजित की गई थी. एनसीपी ने इस मौके पर मुजीब की समाधि तोड़ने की योजना की भी घोषणा की थी, जिसके चलते सुबह से ही पूरे इलाके में तनाव का माहौल था.
अवामी लीग और NCP कार्यकर्ताओं में टकराव
रैली के दौरान एनसीपी और अवामी लीग के समर्थकों के बीच झड़प हो गई. बताया गया कि अवामी लीग के कार्यकर्ताओं ने मंच पर चढ़कर एनसीपी नेताओं से मारपीट की. इसके बाद हालात काबू से बाहर हो गए और प्रशासन को पुलिस व सेना तैनात करनी पड़ी.
जुलाई विद्रोह की बरसी पर मार्च
एनसीपी ने इस रैली का आयोजन ‘जुलाई मास विद्रोह’ की पहली बरसी पर किया था. इसे ‘जुलाई शहीद दिवस’ के रूप में मनाया गया, क्योंकि पिछले साल इसी समय शेख हसीना सरकार का पतन शुरू हुआ था. इसी क्रम में एनसीपी ने ‘जुलाई मार्च टू बिल्ड द नेशन’ अभियान शुरू किया है, जो देश के कई हिस्सों में चल रहा है.
पुलिस वाहन पर हमला
सुबह करीब 9:30 बजे एक पुलिस वाहन पर हमला कर उसे आग के हवाले कर दिया गया. इसमें तीन पुलिसकर्मी घायल हुए. इसके बाद, इलाके का जायजा लेने पहुंचे सदर उपजिला अधिकारी (यूएनओ) रकीबुल हसन की गाड़ी पर भी हमला हुआ, जिसमें उनका ड्राइवर घायल हो गया. वहीं स्थिति को काबू में लाने के लिए पुलिस और सेना ने ध्वनि ग्रेनेड और फायरिंग का सहारा लिया. हालात को गंभीर होता देख, गोपालगंज के उपायुक्त ने जिले में धारा 144 लागू कर दी है.
सरकार की प्रतिक्रिया
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने एनसीपी की रैली पर हुए हमले की आलोचना की है. सरकार ने इसे मौलिक अधिकारों का उल्लंघन बताया और दोषियों को सजा देने का आश्वासन दिया. सरकार ने साफ कहा कि किसी भी तरह की हिंसा स्वीकार नहीं की जाएगी.
BNP ने अवामी लीग पर साधा निशाना
बीएनपी महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने भी बयान जारी कर इस घटना पर गहरी चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि अवामी लीग की तानाशाही के पतन के बाद देश को दोबारा अराजकता की ओर ले जाया जा रहा है.
सेना की गोलीबारी में 7 की मौत
वहीं अवामी लीग की ओर से दावा किया गया है कि सेना की गोलीबारी में 7 आम नागरिक मारे गए, जबकि 50 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं. उन्होंने इस घटना को जनविरोध और बर्बरता करार दिया, और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसका जवाब मांगा है.