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India के वित्तीय क्षेत्र में अप्रैल-जून तिमाही में 5.6 अरब डॉलर के 79 सौदे

02:28 PM Jul 21, 2025 IST | Aishwarya Raj
india के वित्तीय क्षेत्र में अप्रैल जून तिमाही में 5 6 अरब डॉलर के 79 सौदे
India के वित्तीय क्षेत्र में अप्रैल-जून तिमाही में 5.6 अरब डॉलर के 79 सौदे

India के financial services sector में वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही यानी अप्रैल से जून के बीच सौदों में जबरदस्त हलचल देखने को मिली। इस दौरान आईपीओ और क्यूआईपी जैसी डील्स के साथ कुल 5.6 अरब डॉलर मूल्य के 79 सौदे दर्ज किए गए। यह आंकड़ा ग्रांट थॉर्नटन India की नई रिपोर्ट में सामने आया है।

India की संख्या में 18 फीसदी का इजाफा

ग्रांट थॉर्नटन की 'दूसरी तिमाही फाइनेंशियल सर्विस डील ट्रैकर' रिपोर्ट के अनुसार, कुल डील्स की संख्या में 18 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। वहीं डील वैल्यू में पिछली तिमाही की तुलना में मामूली 5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि वैश्विक अनिश्चितताओं और आर्थिक तनावों के बावजूद India के निवेशकों ने संतुलित रुख अपनाया।

India, 4.5 अरब डॉलर के 73 डील्स

रिपोर्ट के मुताबिक अगर पब्लिक मार्केट एक्टिविटी को अलग कर दें, तो कुल 4.5 अरब डॉलर के 73 डील्स फाइनल हुए। हालांकि तिमाही आधार पर डील्स की संख्या में 12 प्रतिशत का इजाफा हुआ लेकिन डील वैल्यू में 10 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई। इसका मुख्य कारण घरेलू सौदों में 92 प्रतिशत तक की भारी गिरावट को बताया गया है।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि बड़े सौदों की संख्या कम होने के बावजूद, हाई-वैल्यू डील्स का दबदबा कायम रहा। 100 मिलियन डॉलर से ज्यादा की 6 डील्स ने अकेले 3.7 अरब डॉलर का योगदान दिया। इस तिमाही में financial services sector का कुल सौदों की संख्या में 14 प्रतिशत और डील वैल्यू में 33 प्रतिशत का योगदान रहा।

बैंकिंग और फिनटेक में रही सबसे ज्यादा हलचल

Grant Thornton में प्राइवेट इक्विटी और डील्स टैक्स के लीडर विशाल अग्रवाल के मुताबिक, छोटी-छोटी डील्स की संख्या इस तिमाही में भी बनी रही। इसके साथ ही कुछ बड़े सौदों की वजह से खासकर बैंकिंग सेक्टर में गतिविधियां अधिक देखने को मिलीं।

उन्होंने यह भी कहा कि जैसे-जैसे बैंकिंग सेक्टर में कंसोलिडेशन बढ़ेगा और रेगुलेटरी क्लियरिटी आएगी, वैसे-वैसे M&A और PE डील्स में तेजी आने की उम्मीद है। फिनटेक सेक्टर अब भी निवेशकों के लिए सबसे बड़ा आकर्षण बना हुआ है।

M&A Deals में गिरावट, लेकिन PE में उछाल

रिपोर्ट में बताया गया है कि 2025 की दूसरी तिमाही में M&A Deals में गिरावट देखने को मिली। पिछली तिमाही की तुलना में डील्स की संख्या में 43 प्रतिशत और वैल्यू में 35 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। हालांकि इस तिमाही में कुल 2.6 अरब डॉलर के 16 M&A डील्स हुए। डील वैल्यू में गिरावट के बावजूद घरेलू डील्स संख्या के हिसाब से ज्यादा रहे।

सबसे बड़ी डील में Sumitomo Mitsui Banking Corporation द्वारा Yes Bank में 1.5 अरब डॉलर का इन्वेस्टमेंट किया गया। इस एक डील के चलते इनबाउंड M&A का हिस्सा कुल M&A वैल्यू का 88 प्रतिशत रहा, जो पिछले कई तिमाहियों में सबसे ज्यादा है।

प्राइवेट इक्विटी में दो साल का रिकॉर्ड

दूसरी तिमाही में प्राइवेट इक्विटी ने शानदार प्रदर्शन किया। कुल 1.9 अरब डॉलर के 57 सौदे दर्ज किए गए, जो डील्स की संख्या के हिसाब से 2022 की दूसरी तिमाही के बाद सबसे ज्यादा और वैल्यू के हिसाब से 2023 की दूसरी तिमाही के बाद सबसे बड़ी छलांग मानी जा रही है।

financial services sector में लगातार बढ़ रही एक्टिविटी यह दिखाती है कि निवेशकों का भरोसा बरकरार है, खासकर बैंकिंग और फिनटेक जैसे क्षेत्रों में निवेश की रफ्तार आगे भी बनी रहने की उम्मीद है।

भारत का भविष्य उज्ज्वल

फिर भी, यह अनुमान लगाया जा रहा है कि वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की अर्थव्यवस्था 6.5% की दर से बढ़ेगी, जिससे भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में बना रहेगा। अगर नीतियों का सही तरीके से पालन होता रहा, तो भारत का मध्यम अवधि का विकास भी मजबूत रहेगा।

जहाँ एक ओर भारतीय अधिकारी 6.5% विकास दर की उम्मीद जता रहे हैं, वहीं दूसरी ओर अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और विश्व बैंक ने अधिक सतर्क रुख अपनाया है। उन्होंने वैश्विक जोखिम और व्यापार में रुकावटों के कारण भारत की अनुमानित विकास दर को क्रमशः 6.2% और 6.3% बताया है।   

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Aishwarya Raj

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