For the best experience, open
https://m.punjabkesari.com
on your mobile browser.
Advertisement

'सरकारी नौकरी में मिलेगा 85 % आरक्षण...', लद्दाख को केंद्र सरकार का बड़ा तोहफा

लद्दाख में सरकारी नौकरी का आरक्षण 85% तक बढ़ा

07:25 AM Jun 04, 2025 IST | Amit Kumar

लद्दाख में सरकारी नौकरी का आरक्षण 85% तक बढ़ा

 सरकारी नौकरी में मिलेगा 85   आरक्षण      लद्दाख को केंद्र सरकार का बड़ा तोहफा

केंद्र सरकार ने लद्दाख के निवासियों के लिए सरकारी नौकरियों में 85% आरक्षण की घोषणा की है। नए अधिवास नियमों के तहत, लद्दाख के मूल निवासियों को यह लाभ मिलेगा। महिलाओं के लिए स्थानीय परिषदों में एक-तिहाई सीटें आरक्षित की जाएंगी। इसके अलावा, भाषा नीति में बदलाव करते हुए कई स्थानीय भाषाओं को संरक्षण दिया जाएगा।

Ladakh News: केंद्र सरकार ने मंगलवार (3 जून) लद्दाख के निवासियों के हित में नए अधिवास (डोमिसाइल ) और आरक्षण नियम लागू किए हैं. इसके तहत लद्दाख के मूल निवासियों को सरकारी नौकरियों में 85% आरक्षण का लाभ मिलेगा, साथ ही स्थानीय स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषदों में एक-तिहाई सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की जाएंगी.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, नए अधिवास नियमों के अनुसार, लद्दाख का डोमिसाइल प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए व्यक्ति को कम से कम 15 वर्षों तक वहां निवास करना आवश्यक होगा. वहीं, जो लोग सात साल तक लद्दाख में पढ़ाई कर चुके हैं और कक्षा 10वीं या 12वीं वहीं से पास की है, वे भी अधिवास के पात्र माने जाएंगे.

सरकारी कर्मचारियों के बच्चों को भी मिलेगा लाभ

इस दौरान जो अधिकारी केंद्र सरकार, अखिल भारतीय सेवाओं, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, स्वायत्त निकायों, केंद्रीय विश्वविद्यालयों अथवा मान्यता प्राप्त शोध संस्थानों में दस वर्षों से अधिक समय तक लद्दाख में सेवा कर चुके हैं, उनके बच्चों को भी अधिवास प्रमाण पत्र प्राप्त करने का अधिकार होगा. हालांकि, इन नए आरक्षण नियमों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (EWS) के लिए निर्धारित 10% आरक्षण को शामिल नहीं किया गया है.

भाषा नीति में बड़ा बदलाव

लद्दाख में अब अंग्रेजी, हिंदी, उर्दू, भोटी और पुरगी भाषाएं आधिकारिक भाषा होंगी. हालांकि, सभी प्रशासनिक और आधिकारिक कामकाज अंग्रेजी में ही होते रहेंगे. इसके अलावा, सरकार अन्य स्थानीय भाषाओं जैसे शिना, ब्रोक्सकट, बल्ती और लद्दाखी के संरक्षण व संवर्धन के लिए भी कदम उठाएगी.

महिलाओं के लिए एक-तिहाई सीटों का आरक्षण

लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद अधिनियम, 1997 में संशोधन करते हुए अब परिषद की कुल सीटों में से कम से कम एक-तिहाई महिलाओं के लिए आरक्षित की जाएंगी. यह आरक्षण क्षेत्रीय आधार पर रोटेशन पद्धति से लागू किया जाएगा.

वर्तमान में लद्दाख में दो स्वायत्त परिषदें हैं, लेह और कारगिल. जारी अधिसूचना के अनुसार, अधिवास प्रमाण पत्र केवल लद्दाख संघ राज्य क्षेत्र के अंतर्गत सरकारी पदों या स्थानीय निकायों (कैंटोनमेंट बोर्ड को छोड़कर) में भर्ती के लिए मान्य होगा.

भाषा, संस्कृति और कला के लिए विशेष प्रयास

प्रशासन स्थानीय भाषाओं और संस्कृति के प्रचार-प्रसार के लिए संस्थागत तंत्र को मजबूत करेगा. एक कला, संस्कृति एवं भाषा अकादमी की स्थापना का भी प्रस्ताव है, जो स्थानीय धरोहर के संरक्षण का कार्य करेगी.

अनुच्छेद 370 हटने के बाद लद्दाख के लोगों द्वारा अपनी संस्कृति, भूमि और भाषा की रक्षा हेतु संवैधानिक सुरक्षा की मांग की जा रही थी. केंद्र सरकार ने यह कदम उन्हीं मांगों के समाधान के रूप में उठाया है.

चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर भगदड़, अब तक 11 की मौत, कई घायल

जनसंवाद और आंदोलन के बाद सरकार का फैसला

जनवरी 2023 में गृहराज्य मंत्री नित्यानंद राय की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति गठित की गई थी, जिसने लद्दाख के नेताओं से कई दौर की बातचीत की. अक्टूबर 2024 में पर्यावरणविद सोनम वांगचुक ने दिल्ली में अनशन किया. इसके बाद दिसंबर 2024, जनवरी 2025 और मई 2025 में नागरिक संगठनों के साथ बैठकें हुईं, जिनके बाद यह निर्णय लिया गया.

Advertisement
Advertisement
Author Image

Amit Kumar

View all posts

Advertisement
×