Bihar: SIR के तहत 91. 69 प्रतिशत वोटरों ने जमा किए फॉर्म, जानें कैसे भरे गए फॉर्म
Bihar में चुनाव को लेकर सियासत बढ़ती जा रही है। चुनावी मैदान में उतरने के लिए राजनैतिक पार्टियां दमखम लगा रही है वहीं राज्य की जनता को मतदाता की सूची में शामिल करने के लिए SIR लागू की गई है। भारत के चुनाव आयोग ने बताया कि बिहार में 7.89 करोड़ रजिस्टर मतदाताओं में से 7.24 करोड़ से अधिक मतदाताओं ने 24 जून से 25 जुलाई तक विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के तहत अपने गणना फॉर्म जमा किए हैं, जो 91.69 प्रतिशत भागीदारी दर को दर्शाता है।
SIR का उद्देश्य
चुनाव आयोग ने बताया कि SIR को राज्य भर में नागरिक भागीदारी का एक बड़ा सफल प्रयास बताया, जिसका उद्देश्य आगामी विधानसभा चुनावों से पहले मतदाता सूचियों की सटीकता को बढ़ाना है। चुनाव आयोग ने बताया कि, बूथ लेवल एजेंटों की संख्या में 16 प्रतिशत से ज़्यादा की बढ़ोतरी हुई है जिसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में 3 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जबकि राजद और जदयू ने अपने बीएलए की संख्या में मामूली वृद्धि दर्ज की।
मतदाता सूची में क्यों जरूरी है बदलाव
बिहार में मतदाता सूची में बदलाव को लेकर संग्राम छिड़ा हुआ है। बता दें कि इस कदम को इसलिए जरूरी माना जा रहा है क्योंकि पिछले 20 सालों में मतदाता सूची में बड़े बदलाव, शहरीकरण, शिक्षा, रोजगार और कई कारणों से एक जगह से दूसरी जगह चले जाते हैं और नई जगह पर मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज कराते हैं, लेकिन पुरानी जगह से नाम नहीं हटाते। इससे मतदाता सूची में दोहरे नाम की समस्या बढ़ रही है।
कैसे भरे गए फॉर्म
बूथ स्तरीय अधिकारियों (BLO) ने रजिस्टर मतदाता के घर जाकर तीन चरणों में फॉर्म बांटे और जमा किए और बिहार के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखकर बिहार के प्रवासियों को उनके गणना फॉर्म भरने में सहायता करने का अनुरोध किया। चुनाव आयोग ने बताया कि लगभग 29 लाख फॉर्म ऑनलाइन भरे गए और 16 लाख से ज़्यादा डिजिटल रूप से जमा किए गए।
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