उत्तराखंड की सूर्या रोशनी फैक्ट्री में बड़ा हादसा, हाइड्रोजन सिलेंडर फटने से एक की मौत, दर्जनों घायल
उत्तराखंड के उधम सिंह नगर से एक बड़े हादसे की खबर सामने आई है. यहां काशीपुर क्षेत्र में स्थित सूर्या रोशनी लिमिटेड फैक्ट्री में गुरुवार सुबह एक हाइड्रोजन गैस का सिलेंडर फट गया, जिससे एक मजदूर की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि लगभग 12 कर्मचारी गंभीर रूप से घायल हो गए. यह हादसा सुबह करीब 11बजे हुआ.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, घटना के तुरंत बाद घायलों को काशीपुर के उप जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. अस्पताल में सभी घायलों का इलाज चल रहा है. अस्पताल पहुंचे कुमाऊं मंडल आयुक्त दीपक रावत ने डॉक्टरों से बातचीत की और बेहतर इलाज सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. कुछ घायलों की स्थिति गंभीर बताई जा रही है, जिन्हें जरूरत पड़ने पर उच्च चिकित्सा केंद्र भेजा जा सकता है.
प्रशासनिक अधिकारी पहुंचे मौके पर
हादसे की सूचना मिलते ही कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत, जिलाधिकारी नितिन भदौरिया, एसएसपी मणिकांत मिश्रा, एसपी क्राइम निहारिका तोमर, सीएमओ डॉ. के के अग्रवाल समेत कई प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे. मृतक कर्मचारी का शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. मृतक के परिवार में मातम पसरा हुआ है और परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है.
मुख्यमंत्री ने जताया शोक
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस हादसे पर दुख जताया है. उन्होंने सभी घायलों को बेहतर चिकित्सा सुविधा देने के निर्देश दिए हैं. सीएम ने यह भी कहा कि यदि किसी को विशेष इलाज की जरूरत हो, तो उसे तुरंत उच्च चिकित्सा केंद्र भेजा जाए.
लापरवाही पर होगी सख्त कार्रवाई
कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत ने कहा कि हादसे के पीछे की वजहों की जांच के लिए जिलाधिकारी को एक टीम गठित करने को कहा गया है. जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. साथ ही अन्य फैक्ट्रियों की भी सुरक्षा जांच की जाएगी ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों.
प्रत्यक्षदर्शी का बयान
फैक्ट्री में काम कर रहे एक श्रमिक आलोक रावत ने बताया कि वह स्टोर के बाहर काम कर रहा था तभी अचानक धमाका हो गया. धमाके के बाद कुछ सुनाई देना बंद हो गया और आंखों के आगे अंधेरा छा गया. पहले उसे फैक्ट्री की डिस्पेंसरी ले जाया गया और बाद में अस्पताल में भर्ती किया गया.
प्रशासन ने शुरू की हादसे की जांच
प्रशासन ने इस हादसे की जांच शुरू कर दी है. सभी संबंधित विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि फैक्ट्रियों में सुरक्षा मानकों की समीक्षा की जाए. एक तकनीकी टीम पूरे इलाके की फैक्ट्रियों का सर्वे करेगी ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके.यह हादसा एक बार फिर यह सवाल खड़ा करता है कि क्या हमारी फैक्ट्रियों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हैं या नहीं. जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी कि यह हादसा तकनीकी खामी से हुआ या किसी लापरवाही का नतीजा था.