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रतन टाटा के खिलाफ मानहानि का मामला खारिज

रतन टाटा की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने इससे पहले अदालत से कहा था कि कंपनी विवाद के कारण अवमानना मामला दर्ज किया गया है।

07:33 AM Jul 23, 2019 IST | Desk Team

रतन टाटा की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने इससे पहले अदालत से कहा था कि कंपनी विवाद के कारण अवमानना मामला दर्ज किया गया है।

मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय ने सोमवार को स्थानीय अदालत में टाटा संस के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा, मौजूदा चेयरमैन एन चंद्रशेखरन और कंपनी के आठ निदेशकों के खिलाफ शुरू की गई मानहानि मामले की कार्रवाई सोमवार को रद्द कर दिया। मानहानि का यह मामला नुस्ली वाडिया ने दायर किया था। शहर की मजिस्ट्रेट अदालत ने दिसंबर 2018 में नुस्ली वाडिया द्वारा दायर आपराधिक मानहानि के मामले में रतन टाटा और अन्य को नोटिस जारी किया था। 
टाटा समूह की कंपनियों के निदेशक मंडल से बाहर किये जाने के बाद वाडिया ने यह मामला 2016 में दायर किया था। उसके बाद टाटा तथा अन्य ने उच्च न्यायालय में संपर्क कर उन लोगों के खिलाफ शुरू की गयी कार्रवाई को खारिज करने का आग्रह किया था। रतन टाटा की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने इससे पहले अदालत से कहा था कि कंपनी विवाद के कारण अवमानना मामला दर्ज किया गया है। 
उन्होंने कहा कि पूरा मामला बिना दिमाग लगाये दर्ज किया गया। सिंघवी ने अपनी दलील में कहा कि यह मामला केवल रतन टाटा और नुस्ली वाडिया के बीच एक कार्पोरेट विवाद का नतीजा है। वाडिया साइरस मिस्त्री के बड़े समर्थक है। वाडिया ने मजिस्ट्रेट के समक्ष अपनी शिकायत में दावा किया था कि साइरस मिस्त्री को 24 अक्टूबर 2016 को टाटा संस के चेयरमैन पद से हटाये जाने के बाद टाटा तथा अन्य ने उनके सम्मान को ठेस पहुंचाने वाले बयान दिये। 
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