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संसद भवन की सुरक्षा के लिए CISF के 140 कर्मियों की टुकड़ी तैनात

06:55 PM Jan 23, 2024 IST | Prakash Sha

नई व्यवस्था के तहत, बजट सत्र के दौरान आगंतुकों और उनके बैगों का निरीक्षण करने के लिए Central Industrial Security Force (CISF) के 140 सदस्यों को संसद परिसर में तैनात किया गया है। यह जानकारी आधिकारिक सूत्रों से मिली। संसद में सुरक्षा चूक के मद्देनजर पिछले महीने केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा सुरक्षा व्यवस्था की गहन समीक्षा के बाद सीआईएसएफ जवानों की तैनाती को मंजूरी दी गई थी। 13 दिसंबर को कुछ लोगों का एक समूह संसद में घुस गया था और अंदर रंगीन धुआं फैला दिया था।

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Highlights:

CISF के 140 कर्मियों ने सोमवार को संसद भवन परिसर की सुरक्षा का जिम्मा संभाल लिया। सूत्रों ने पीटीआई-भाषा से कहा कि वे आगंतुकों और उनके सामान की तलाशी लेंगे तथा भवन की सुरक्षा का जिम्मा भी संभालेंगे। सूत्रों ने बताया कि सीआईएसएफ की इकाई की अगुवाई सहायक कमांडेंट (एसी) स्तर का एक अधिकारी करेगा और इकाई में दमकल शाखा के 36 कर्मी भी शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि यह दल वहां पहले से मौजूद अन्य सुरक्षा एजेंसियों के साथ संसद परिसर का जायजा ले रहा है ताकि 31 जनवरी से अपनी जिम्मेदारी पूरी करने के लिए तैयार हो सके जब बजट सत्र की शुरुआत होगी। सूत्रों ने बताया कि सीआईएसएफ को नए और पुराने संसद भवन परिसर का नियंत्रण दिया जाएगा जहां हवाई अड्डे जैसी सुरक्षा व्यवस्था होगी जिसमें लोगों की और सामान की जांच एक्स-रे मशीन व मेटल डिटेक्टर से होगी। जूतों, भारी जैकेट और बेल्ट को एक ट्रे में रखकर एक्स-रे मशीने से जांच करने का भी प्रावधान है।

बल ने संसद की सुरक्षा के लिए स्थायी रूप से 140 कर्मियों की उपलब्धता को मंजूरी देने के लिए गृह मंत्रालय को पत्र भी लिखा है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “ संसद में तैनात की गई वर्तमान इकाई को सीआईएसएफ की सरकारी भवन सुरक्षा (जीबीएस) इकाई के तहत नियमित किया जाएगा जो विभिन्न मंत्रालयों और सीबीआई और ईडी जैसी जांच एजेंसियों के मुख्यालयों की सुरक्षा करती है। सीआईएसएफ में करीब 1.70 लाख कर्मी हैं और यह केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत आता है। इसके पास देश के 68 नागरिक हवाई अड्डों के अलावा एयरोस्पेस और परमाणु ऊर्जा क्षेत्र से जुड़े अहम प्रतिष्ठानों की सुरक्षा का भी जिम्मा है। सूत्रों ने पहले पीटीआई-भाषा को बताया था कि नए और पुराने संसद भवन परिसरों और उनसे संबद्ध इमारतों को सीआईएसएफ के व्यापक सुरक्षा घेरे में लाया जाएगा और संसद सुरक्षा सेवा (पीएसएस), दिल्ली पुलिस और सीआरपीएफ के संसद ड्यूटी समूह (पीडीपजी) भी रहेंगे।

साल 2001 में संसद भवन पर हमले के बाद सीआईएसएफ की जीएसबी का गठन किया गया था जिसे राष्ट्रीय राजधानी में नॉर्थ और साऊथ ब्लॉक, कैबिनेट सचिवालय, विज्ञान भवन, यूपीएससी भवन, सीजीओ कॉम्प्लेक्स समेत केंद्र सरकार की अन्य इमारतों की सुरक्षा का जिम्मा सौंपा गया था। संसद पर हुए आतंकी हमले की बरसी के दिन पिछले साल 13 दिसंबर को लोकसभा में शून्यकाल के दौरान दर्शक दीर्घा से दो व्यक्ति सदन में कूद गए और कैन से पीले रंग का धुआं फैला दिया तथा नारे लगाए लेकिन सांसदों ने उन्हें पकड़ लिया। इसी वक्त संसद परिसर के बाहर दो अन्य लोगों ने कैन से धुआं फैलाया और नारेबाज़ी की। घटना के बाद, संसद भवन परिसर की सुरक्षा संबंधी मुद्दों की समग्र समीक्षा और उनमें सुधार के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को सिफारिश करने के मकसद से केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के महानिदेशक अनीश दयाल सिंह की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई थी।

 

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