Top NewsIndiaWorldOther StatesBusiness
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

अमृतसर के सिख तीर्थयात्रियों का जत्था पाकिस्तान रवाना, प्रकाश पर्व में होंगे शामिल

12:16 AM Nov 05, 2025 IST | Rahul Kumar Rawat

अमृतसर से सिख तीर्थयात्रियों का एक जत्था शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के बैनर तले मंगलवार को पाकिस्तान के लिए रवाना हुआ। वे गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व के पवित्र उत्सव में हिस्सा लेंगे। जत्था पाकिस्तान के ननकाना साहिब और अन्य ऐतिहासिक गुरुद्वारों में धार्मिक कार्यक्रमों में शामिल होगा। इस अवसर पर अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह जत्थे के साथ गए। उन्होंने यात्रा की सफलता और आध्यात्मिक लाभ के लिए प्रार्थना की। रवानगी से पहले अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह ने मीडिया से बातचीत की। उन्होंने बताया कि सरकार ने श्रद्धालुओं को वीजा तो जारी कर दिया, लेकिन करतारपुर साहिब का लंगर अभी पूरी तरह खुला नहीं है। करतारपुर कॉरिडोर सिर्फ तीर्थयात्रा का रास्ता नहीं, बल्कि 'दिलों को जोड़ने वाला माध्यम' भी है।

सिख समुदाय के लिए बड़ा आध्यात्मिक महत्व

उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात पर विश्वास है कि सरकार जल्द ही कॉरिडोर को पूरी तरह खोलने की लंबित मांग पूरी करेगी। गुरुनानक देव जी ने अपने जीवन के आखिरी समय करतारपुर साहिब में बिताए थे। यह जगह सिख समुदाय के लिए बहुत बड़ा आध्यात्मिक महत्व रखती है। उन्होंने कहा, हर सिख की बस यही इच्छा होती है कि वे बिना किसी रुकावट के इस पवित्र स्थल में माथा टेकने के लिए जरूर जाएं। उन्होंने सुझाव दिया कि भविष्य में श्रद्धालुओं को पासपोर्ट की बजाय आधार-आधारित पहचान के जरिए प्रवेश की अनुमति दी जानी चाहिए।

प्रकाश पर्व पर आध्यात्मिक संदेश

गुरु नानक के प्रकाश पर्व पर आध्यात्मिक संदेश देते हुए जत्थेदार ने संगत को गुरुजी के तीन स्वर्णिम सिद्धांत याद दिलाए, किरत करो (ईमानदारी से कमाओ), नाम जपो (भगवान का नाम जपो), और वंड छको (दूसरों के साथ बांटो)। उन्होंने कहा, ये शिक्षाएं गुरु के लंगर की बुनियाद हैं, जो आज भी समाज में समानता, सेवा और एकता की प्रेरणा देती हैं। उन्होंने विश्व शांति, सद्भाव और सिख कैदियों की जल्द रिहाई के लिए प्रार्थना की। एक श्रद्धालु ने कहा, मैं पाकिस्तान पहली बार जा रहा हूं। इस पवित्र यात्रा में शामिल होना सपने जैसा लग रहा है। मैं बहुत खुश हूं।

Advertisement
Advertisement
Next Article