Smartphone को लेकर इस गांव में सामने आया एक नया नियम, सुनते ही आप भी करेंगे तारीफ़
पूरे गांव में एक ख़ास नया नियम सामने आया हैं जिसके तहत माता-पिता को अपने बच्चों को मोबाइल फोन नहीं देना होगा। इससे पेरेंट्स काफी खुश हैं। यूनाइटेड किंगडम के इस गांव में जहां लोग बच्चों की रील बनाकर उन्हें पैदा होते ही स्मार्टफोन से परिचित कराते हैं, वहां 18 साल से पहले किसी भी बच्चे को फोन लेकर घूमने की इजाजत नहीं है।
04:09 PM Sep 03, 2023 IST | Khushboo Sharma
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आज के समय में ये कोई नई बात नहीं हैं कि हर कोई फ़ोन को ज्यादा उपयोग करने की लत से परेशान हैं। आज कल माता-पिता की सबसे बड़ी चिंता तो उनके बच्चों को लेकर सामने आती हैं कि बच्चे फ़ोन का हद से ज्यादा इस्तेमाल करते हैं। यहां तक कुछ पेरेंट्स का तो ये भी कहना हैं कि हमारे बच्चे बिना फ़ोन को देखे तो खाना भी नहीं खाते हैं ,और तो और बाहर जाकर दोस्तों के साथ खेलने के बजाय पूरा दिन फ़ोन पर गेम्स फिर वीडियो गेम्स में लगे रहते हैं।
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हालाँकि, रीलें बनाने में छोटे बच्चों के रूप में भी बहुत समय बर्बाद करते हैं। हालाँकि माता-पिता तुरंत कोई कार्रवाई करने में असमर्थ हैं, लेकिन अब हम आपको एक ऐसे गाँव के बारे में बताएंगे जिसने इस समस्या का एक धमाकेदार आईडिया ढूंढ लिया है।
सामने आया एक नया कानून

एक रिपोर्ट के अनुसार, पूरे गांव में एक ख़ास नया नियम सामने आया हैं जिसके तहत माता-पिता को अपने बच्चों को मोबाइल फोन नहीं देना होगा। इससे पेरेंट्स काफी खुश हैं। यूनाइटेड किंगडम के इस गांव में जहां लोग बच्चों की रील बनाकर उन्हें पैदा होते ही स्मार्टफोन से परिचित कराते हैं, वहां 18 साल से पहले किसी भी बच्चे को फोन लेकर घूमने की इजाजत नहीं है।
स्मार्टफोन हटाओ, सेहत बचाओ

आयरलैंड के काउंटी विकलो में ग्रेस्टोन नाम की एक जगह है। यहां, माता-पिता का एक समूह अपने बच्चों को मोबाइल उपकरणों का उपयोग करने से रोकने के लिए एक साथ आया है। वे इस बात पर आम सहमति पर पहुंचे हैं कि बच्चों को बड़े होने तक स्मार्टफोन नहीं मिलना चाहिए। बच्चों को किसी भी परिस्थिति में गाँव के किसी भी प्राथमिक विद्यालय में फोन लाने की अनुमति नहीं है। इस प्रतिबंध से बच्चों का स्क्रीन समय भी कम हो गया है क्योंकि अब वे अपने माता-पिता से निजी फोन की मांग नहीं करते हैं। इससे ना सिर्फ माता-पिता का खर्चा कम होता है बल्कि बच्चों की सेहत भी ठीक रहती है।
सभी को मिलकर देना होगा साथ

दरअसल, ऐसा होता था कि बच्चे स्कूल पहुंचते ही अपना फोन को दिखाने लगते थे। इन फोनों के बिना बच्चों को धमकाया जाता था और यहां तक कि कम उम्र में आत्महत्या का प्रयास भी किया जाता था। आपको बता दें कि, इंग्लैंड की राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रणाली की रिपोर्ट के अनुसार, 17 से 19 वर्ष की आयु के बीच किशोरों में मानसिक स्वास्थ्य विकार विकसित हो रहे हैं और डिजिटल जुड़ाव एक प्रमुख योगदान कारक है। बच्चों का जीवन शांति से बीते, इसके लिए हमें वैसे ही कदम उठाने होंगे जैसे गांव के पेरेंट्स ने आपस में समझौता कर लिया है।
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