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एक चुटकी नमक ने बचाई 11 लोगों की जान, पहलगाम के इस ढ़ाबे की कहानी जानकर चौंक जाएंगे

नमक ने बचाई जान: पहलगाम के ढाबे में लंच ने बचाई 11 लोगों की जान

09:01 AM Apr 25, 2025 IST | Neha Singh

नमक ने बचाई जान: पहलगाम के ढाबे में लंच ने बचाई 11 लोगों की जान

एक चुटकी नमक ने बचाई 11 लोगों की जान  पहलगाम के इस ढ़ाबे की कहानी जानकर चौंक जाएंगे
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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले से बचने में केरल के एक परिवार की किस्मत ने साथ दिया। ज्यादा नमक वाला लंच मिलने के कारण उन्हें देर हो गई और वे हमले से बच गए। लावण्या ने फेसबुक पर इस घटना को साझा किया, जिसमें उन्होंने बताया कि भगवान ने ही उनके खाने में नमक ज्यादा डालकर उनकी जान बचाई।

जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। हमले के दृश्य किसी की आत्मा कंपा देने वाले हैं। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले में 28 लोग आतंकवादियों की गोलियों के शिकार बन गए। कुछ लोग ऐसे भी रहे, जिनकी जान इसलिए बच गई क्योंकि उन्हें किसी कारण से देर हो गई। केरल के एक परिवार के 11 लोगों को एक रेस्टोरेंट में ज्यादा नमक वाला लंच परोसा गया। परिवार ने फ्राइड राइस ऑर्डर किए थे। इसके चक्कर में उन्हें बैसरन जाने में देरी हो गई और वे बाल-बाल बच गए। कन्नूर में रहने वाली लावण्या के कपड़ों के बिजनेस में हैं। उन्होंने फेसबुक पर पूरी घटना को वीडियो में साझा किया है।

पति की जिद ने बचाई जान

लावण्या ने बताया कि मंगलवार को उनके परिवार ने पहलगाम जाने की योजना बनाई थी, जो श्रीनगर से करीब 80 किलोमीटर दूर है। सुबह निकलने में उन्हें थोड़ी देर हो गई। लावण्या ने बताया कि पिछले दो दिनों में उन्हें लंच करने का मौका नहीं मिला, इसलिए बैसरन जाते समय उनके पति ने लंच करने की जिद की। बैसरन उस सड़क किनारे के रेस्टोरेंट से सिर्फ 15 मिनट की दूरी पर था, जहां वे रुके थे। रेस्टोरेंट में फ्राइड राइस का ऑर्डर दिया। थोड़ी देर बाद जो ऑर्डर आया, उसमें नमक ज्यादा था।

नमक बना संजीवनी

रेस्टोरेंट के कर्मचारियों ने उनकी परेशानी समझी। उन्होंने उनसे इंतजार करने का अनुरोध किया और खाना दोबारा पकाने को कहा। इस वजह से लावण्या के परिवार को करीब एक घंटे तक इंतजार करना पड़ा। यह इंतजार उनके लिए संजीवनी साबित हुआ। दोपहर के भोजन के बाद जब वे बैसरन के पास पहुंचे तो देखा कि घोड़े वाले भाग रहे हैं और टैक्सियां ​​तेजी से लौट रही हैं। लोग भी भाग रहे थे, चिल्ला रहे थे। केरल का परिवार उनकी भाषा नहीं समझ पाया, लेकिन उन्हें अंदाजा हो गया कि आगे कुछ गड़बड़ है।

दुकानदारों ने जल्दी लौटने को कहा

लावण्या और उनके पति ने एक कार को रोका। कार में सवार लोगों ने उन्हें बताया कि केंद्रीय सुरक्षा बलों और पर्यटकों के बीच झगड़ा हो गया है। लावण्या के ड्राइवर ने उन्हें आगे बढ़ने की सलाह दी। उसने कहा कि ऐसी घटनाएं आमतौर पर जल्दी सुलझ जाती हैं, लेकिन उन्होंने लौटने का फैसला किया। बरसन न जा पाने का अफसोस करते हुए वे घाटी में एक झील के पास पहुंचे।

इसके तुरंत बाद ही उन्हें परिजनों के फोन आने लगे, तब उन्हें पता चला कि पहलगाम की बैसरन घाटी में बड़ा आतंकी हमला हुआ है।

भगवान ने दिया साथ

लावण्या ने बताया कि जैसे ही उन्हें यह सूचना मिली, उनकी नींद उड़ गई। वे पूरी रात सो नहीं पाईं। ऐसा लगता है कि भगवान ने ही उन्हें बचाने के लिए उनके खाने में नमक ज्यादा डाल दिया। उन्होंने कहा कि वे इस घटना को कभी नहीं भूल पाएंगी। पहलगाम में हुआ आतंकी हमला उन्हें हमेशा याद दिलाता रहेगा कि भगवान हमेशा उनके साथ हैं।

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Neha Singh

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