रांची में बन रही अनोखी इमारत: बिना ईंट-बालू के खड़ा हो रहा पांच मंजिला होटल
रांची : राजधानी रांची के मोराबादी इलाके में एक ऐसी बहुमंजिला इमारत का निर्माण हो रहा है, जो पारंपरिक भवन निर्माण की सभी सीमाओं को तोड़ रही है। खास बात यह है कि इस इमारत में ना तो ईंटों का इस्तेमाल किया गया है, ना बालू-पत्थर का, और ना ही बहुत अधिक सीमेंट का। इसके स्थान पर यह पूरी संरचना स्टील बीम, खंभों, नट और बोल्ट के सहारे खड़ी की जा रही है।
आधुनिक तकनीक से बना रही है मजबूत और लचीली इमारत
इस अभिनव निर्माण कार्य का नेतृत्व इंजीनियर मोहम्मद मकसूद आलम कर रहे हैं। उनके अनुसार, यह तकनीक पारंपरिक भवनों की तुलना में न केवल अधिक मजबूत और टिकाऊ है, बल्कि यह प्राकृतिक आपदाओं जैसे भूकंप और तूफानों के प्रभाव को भी बेहतर ढंग से झेलने में सक्षम है। इमारत को इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि आवश्यकता पड़ने पर इसे एक स्थान से दूसरे स्थान पर आसानी से शिफ्ट किया जा सकता है। इसके साथ ही इसकी रीसेल वैल्यू भी बनी रहती है, जो इसे आर्थिक दृष्टिकोण से भी व्यवहारिक बनाती है।
छह महीने में तैयार हो जाएगा पांच मंजिला होटल
यह निर्माण कार्य एक फोर-स्टार होटल के रूप में किया जा रहा है। योजना के अनुसार:
- बेसमेंट में होगा बैंक्वेट हॉल
- पहली मंजिल पर कॉन्फ्रेंस हॉल
- ऊपरी तीन मंजिलों पर तैयार किए जाएंगे आधुनिक गेस्ट रूम
पारंपरिक निर्माण की तुलना में जहां ऐसी इमारत को तैयार करने में 2 से ढाई साल का समय लग सकता है, वहीं इस स्टील स्ट्रक्चर तकनीक से यह होटल महज 6 से 7 महीनों में बनकर तैयार हो जाएगा।
लागत में मामूली बढ़ोतरी, लेकिन समय और संसाधनों की बचत
हालांकि इस तकनीक से निर्माण की लागत पारंपरिक विधि की तुलना में करीब 20 प्रतिशत अधिक है, लेकिन समय की बचत, पर्यावरण के प्रति अनुकूलता, और भविष्य में स्थानांतरित किए जाने की सुविधा इसे एक लाभकारी विकल्प बनाती है।
दिखेगी पारंपरिक इमारत जैसी ही
बाहरी ढांचे के रूप में यह इमारत पूरी तरह लोहे के बीम और नट-बोल्ट से तैयार की जा रही है, लेकिन निर्माण पूरा होने के बाद इसका स्वरूप एक सामान्य कंक्रीट भवन जैसा ही होगा। देश के कुछ महानगरों और विदेशों में पहले से अपनाई जा चुकी इस तकनीक का झारखंड में यह पहला प्रयोग है।