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आम आदमी पार्टी के बागी नेता सुखपाल खैहरा व कंवर संधू हुए हिटविकट

शिरोमणि अकाली दल द्वारा अपने माझा के टकसाली नेता को बरखास्त करने के कुछ ही घंटों के दौरान आम आदमी पार्टी ने भी अपने बागी विधायकों के सुर दबाने के लिए

08:02 PM Nov 04, 2018 IST | Desk Team

शिरोमणि अकाली दल द्वारा अपने माझा के टकसाली नेता को बरखास्त करने के कुछ ही घंटों के दौरान आम आदमी पार्टी ने भी अपने बागी विधायकों के सुर दबाने के लिए

लुधियाना : शिरोमणि अकाली दल द्वारा अपने माझा के टकसाली नेता को बरखास्त करने के कुछ ही घंटों के दौरान आम आदमी पार्टी ने भी अपने बागी विधायकों के सुर दबाने के लिए बड़ी कार्यवाही हाई कमान के इशारे उपरांत कर दी। आप ने शनिवार को हलका बुलथ से विधायक सुखपाल सिंह खैहरा और हलका खरड़ के विधायक कंवर संधू को पार्टी से बेखल कर दिया।

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इस पश्चात अभी तक दोनों बरखास्त नेताओं में से किसी ने भी अपनी प्रतिक्रिया जगजाहिर नहीं की। पार्टी की प्रैस विज्ञप्ति के मुताबिक बरखास्त दोनों नेता पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल थे और लगातार केंद्रीय और सूबे लीडर शिप के खिलाफ शब्दावली हमले कर रहे थे। इसलिए उन्हें पार्टी से निलंबित किया जाता है।

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खैहरा भुलत्थ से विधायक हैं, जबकि कंवर संधू खरड़ के विधायक हैं। आप की पंजाब की कोर समिति की तरफ से जारी बयान में यह कहा गया कि पार्टी की तरफ से अपने स्तर पर हरसंभव प्रयास कर दोनों नेताओं को समझाने का प्रयास किया गया, लेकिन दोनों नेताओं ने पार्टी विरोधी गतिविधियां जारी रखी। पार्टी ने कहा कि किसी भी स्तर पर अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधियां बर्दाश्त नहीं की जा सकती। नेताओं और वलंटियरों को पार्टी द्वारा निर्धारित नियमों की पालना करना होगा।

स्मरण रहे कि दो दिन पूर्व पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल के चंडीगढ़ दौरे के दौरान ही दोनों नेताओं को पार्टी से बाहर करने की पटकथा लिखी जा चुकी थी। केजरीवाल से जब खैहरा के संबंध में पूछा गया था तो उन्होंने स्पष्ट कहा था कि वह इस मुद्दे पर बात नहीं करना चाहते। वह खैहरा के लिए राजनीति नहीं करते। उन्होंने कहा था कि पार्टी समय आने पर इन नेताओं पर कार्रवाई करेगी। पार्टी ने बागी विधायकों को मनाने का प्रयास किया था, लेकिन पार्टी के बड़े नेता खैहरा व संधू को अब साथ नहीं रखना चाहते थे।

पार्टी हाईकमान का मानना है कि खैहरा की तरफ से पार्टी में अनुशासनहीनता पैदा की गई है। खैहरा ने दिल्ली लीडरशिप को कभी भी मान्यता नहीं दी और पार्टी के बजाय अपनी निजी सियासत को पहल दी है। केजरीवाल ने दो दिन पूर्व यूटी गेस्ट हाउस में पार्टी की तरफ से पांच लोकसभा हलकों से घोषित किए पांच उम्मीदवारों के साथ बंद कमरे में मीटिंग की थी। इसी मीटिंग में दोनों को बाहर का रास्ता दिखाने की पटकथा लिखी जा चुकी थी।

– सुनीलराय कामरेड

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