आप सांसद संजय सिंह ने UP के चिकित्सा शिक्षा मंत्री और अन्य पर मुकदमा दर्ज कराने के लिए दी तहरीर
संजय सिंह ने उत्तर प्रदेश सरकार पर कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर की आशंका के नाम पर की गई चिकित्सा उपकरणों की खरीद में बड़े पैमाने पर घोटाले का आरोप लगाते हुए विभागीय मंत्री तथा कई अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की तहरीर दी है।
02:48 PM Jul 14, 2021 IST | Ujjwal Jain
आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने उत्तर प्रदेश सरकार पर कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर की आशंका के नाम पर की गई चिकित्सा उपकरणों की खरीद में बड़े पैमाने पर घोटाले का आरोप लगाते हुए विभागीय मंत्री तथा कई अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की तहरीर दी है।
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आप की उत्तर प्रदेश इकाई के प्रभारी संजय सिंह ने बुधवार को एक बयान में कहा कि उन्होंने मंगलवार को लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज करने के लिए तहरीर दी है। इसमें यह आरोप लगाया गया है कि प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश कुमार खन्ना तथा उनके विभाग के अधिकारियों ने कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर की आशंका के नाम पर की गई चिकित्सा उपकरणों की सरकारी खरीद में करोड़ों रुपए का घोटाला किया है।
इस बारे में मंत्री सुरेश खन्ना से संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन उनसे बात नहीं हो सकी। आप सांसद ने तहरीर में आरोप लगाया है कि मंत्री खन्ना, विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार और स्वास्थ्य महानिदेशक (चिकित्सा शिक्षा) सौरभ बाबू और राजधानी लखनऊ स्थित एसजीपीजीआई तथा लोहिया संस्थान के निदेशकों ने अपनी पसंदीदा फर्मों से मनमाने दाम पर बिना किसी निविदा के दो से तीन गुना दामों पर वेंटिलेटर तथा अन्य चिकित्सा उपकरण खरीद कर 5879.45 लाख रुपए का घोटाला किया है। लिहाजा उनके खिलाफ भारतीय दंड विधान तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाए।
सिंह ने आरोप लगाया कि केजीएमयू में जो वेंटिलेटर 10 लाख रुपए में खरीदा गया उसे उत्तर प्रदेश सरकार ने विभिन्न जिलों में 22 से 35 लाख रुपए में खरीदा है। उनके अनुसार इसी तरह कई अन्य उपकरण हैं जो बाजार में सस्ते दामों पर मिल रहे हैं लेकिन उत्तर प्रदेश की सरकार उन्हें तीन से चार गुना दामों पर खरीद रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि एक ही कंपनी से एक ही तरह का वेंटिलेटर महंगे दामों पर खरीदा गया है जो श्मशान में दलाली खाने जैसी बात है।
उन्होंने कहा कि अगर पुलिस उनकी तहरीर पर मुकदमा दर्ज नहीं करती है तो वह अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे और अदालत के आदेश पर नियम 156 (3) के तहत मुकदमा दर्ज कराएंगे। पार्टी इस मामले की शिकायत लोकायुक्त से भी करेगी। अगर उसके बाद भी कार्यवाही नहीं होती है तो छह महीने बाद जब नई सरकार बनेगी तब इन सभी आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।
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