देश की शिक्षा व्यवस्था पर AAP ने खड़े का हमला, कांग्रेस-BJP पर लगाए गंभीर आरोप
आम आदमी पार्टी (AAP) ने देश की बिगड़ती शिक्षा व्यवस्था को लेकर केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। दिल्ली के पूर्व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि आज भारत में सरकारी स्कूलों की हालत बेहद खराब है। शिक्षा एक खंडहर जैसी बन चुकी है और इसके लिए बीजेपी और कांग्रेस दोनों जिम्मेदार हैं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मनीष सिसोदिया ने बताया कि दुनिया के कई देश अपने बच्चों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), रोबोटिक्स, कोडिंग जैसी आधुनिक शिक्षा दे रहे हैं, जबकि भारत में अभी भी बच्चों को टूटी छतों के नीचे पढ़ाया जा रहा है। जापान और कोरिया जैसे देश पांचवीं कक्षा से कोडिंग सिखाते हैं, लेकिन भारत में बच्चे कंप्यूटर पर सिर्फ पेंट और कंट्रोल-सी, कंट्रोल-वी सीख रहे हैं।
झालावाड़ जैसी घटनाएं सरकार की विफलता का प्रतीक
राजस्थान के झालावाड़ में एक सरकारी स्कूल की छत गिरने से 8 बच्चों की मौत हो गई। मनीष सिसोदिया का कहना है कि यह हादसा इसलिए हुआ क्योंकि सरकार स्कूलों की मरम्मत को प्राथमिकता नहीं देती। सिर्फ एक राज्य नहीं, देशभर में स्कूलों की हालत खराब है।
“AAP” की राष्ट्रीय रणनीति
इस गंभीर स्थिति को देखते हुए "आप" ने 20 राज्यों में 3,000 कार्यकर्ताओं की टीम बनाकर सरकारी स्कूलों की स्थिति की जांच का फैसला किया है। 1 से 7 अगस्त तक ये कार्यकर्ता स्कूलों का दौरा करेंगे और रिपोर्ट तैयार करेंगे।
पंजाब और दिल्ली में “AAP” का मॉडल
पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने बताया कि "AAP" सरकार बनने के बाद पंजाब में बड़े बदलाव हुए हैं। अब वहां हर स्कूल में फर्नीचर, वॉशरूम, वाई-फाई और सुरक्षित वातावरण है। दिल्ली में भी "AAP" सरकार ने सरकारी स्कूलों को मॉडल स्कूल बनाया है, जहां प्राइवेट स्कूलों से बेहतर पढ़ाई होती है।
नई शिक्षा नीति केवल दिखावा
AAP नेता मनीष सिसोदिया ने केंद्र की नई शिक्षा नीति (NEP) की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि सरकार 6% GDP शिक्षा पर खर्च करने की बात करती है, लेकिन असल में सिर्फ 2.5% ही खर्च किया जाता है। न स्कूलों में टीचर हैं, न लैब्स और न तकनीक। सिसोदिया ने कहा कि सिंगापुर, अमेरिका और चीन जैसे देशों में टीचर ट्रेनिंग, टेक्नोलॉजी और प्रैक्टिकल लर्निंग को महत्व दिया जा रहा है, जबकि भारत में शिक्षा पर केवल बहस होती है। टीचर ट्रेनिंग की भी भारी कमी है।
नतीजा और समाधान
“AAP” का मानना है कि देश में शिक्षा को राजनीति का हिस्सा बनाना चाहिए। स्कूलों में बदलाव के लिए सिर्फ वादे नहीं, जमीनी काम जरूरी है। इसलिए “आप” देशभर में शिक्षा सुधार के लिए अभियान चलाएगी ताकि कोई बच्चा टूटी छत के नीचे जान न गंवाए।