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‘आप’ का रिपोर्ट कार्ड फर्जी : नरेश कुमार

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं ?अधिवक्ता नरेश कुमार ने दिल्ली की केजरीवाल सरकार के कामकाज के पांच साल के रिपोर्ट कार्ड को फर्जी करार देते हुए बुधवार को कहा कि अनाधिकृत कॉलोनियों में आठ हजार करोड़ रुपये लगाने के आंकड़ गलत हैं।

06:08 PM Dec 25, 2019 IST | Shera Rajput

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं ?अधिवक्ता नरेश कुमार ने दिल्ली की केजरीवाल सरकार के कामकाज के पांच साल के रिपोर्ट कार्ड को फर्जी करार देते हुए बुधवार को कहा कि अनाधिकृत कॉलोनियों में आठ हजार करोड़ रुपये लगाने के आंकड़ गलत हैं।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं ?अधिवक्ता नरेश कुमार ने दिल्ली की केजरीवाल सरकार के कामकाज के पांच साल के रिपोर्ट कार्ड को फर्जी करार देते हुए बुधवार को कहा कि अनाधिकृत कॉलोनियों में आठ हजार करोड़ रुपये लगाने के आंकड़ गलत हैं। 
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मुंडका विधानसभा सीट से पूर्व प्रत्याशी डॉ. कुमार ने मुंडका विधानसभा की अनाधिकृत कालोनी चंद्रविहार निलोठी में एक नुक्कड़ सभा की। उन्होंने बताया कि नुक्कड़ सभा के दौरान कॉलोनी के लोगों ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अनाधिकृत कॉलोनियों में 8000 करोड़ रुपये लगाने के झूठे आंकड़ दिये हैं। इ
स कालोनी में 1.25 लाख की जनसंख्या होते हुए भी कोई भी विकास कार्य नहीं हुआ है। पानी की निकासी नहीं होने के कारण नाली का पानी घरों में घुस जाता है जिससे कॉलोनी दलदल में बदल जाती है। सड़कें और नालियाँ जर्जर हो चुकी है। पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं है, कांग्रेस सरकार के समय आने वाले पानी के टैंकर भी बंद हो चुके है। कोई भी स्ट्रीट लाइट नहीं लगी है, ना ही कोई स्कूल बना है। डिस्पेंसरी में दवाइयाँ नहीं है एवं परिवहन के लिए चलने वाली कुछ बसें भी बंद हो चुकी है। चंद, विहार जैसी पॉश कालोनी का ये हाल है तो बाकी कॉलोनियों का तो सोचा भी नहीं जा सकता। 
डॉ. कुमार ने आरोप लगाया कि 2015 में श्री केजरीवाल ने हवाई घोषणाएँ करते हुए वोट मांगे, लेकिन कुछ भी काम नहीं किया। रिपोर्ट कार्ड के आंकड़ बिलकुल झूठे है। उ
न्होंने कहा कि निजी स्कूलों से मिलीभगत करके सरकारी स्कूलों का बेड़ गर्क कर दिया है। 2015 की तुलना में सरकारी स्कूलों का रित्रल्ट 92त्न से घटकर 71त्न रह गया जिसकी वजह से सरकारी स्कूलों में आठ फीसदी छात्र घट गये हैं जबकि निजी स्कूलों में छात्रों की संख्या 11 लाख से बढ़कर 16 लाख तक पहुँच गयी है। 
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं की बात करें तो दवाओं और कर्मचारियों की बेहद कमी है। रेबीज के टीके से लेकर ईसीजी की जांच तक उपलब्ध नहीं है। मशीनें खराब पड़ है जबकि 4000 डॉक्टरों एवं 15000 पैरामेडिकल स्टाफ़ को नियमित नहीं किया है। इसके अलावा कोई नया अस्पताल नहीं है। अस्पतालों में 30000 बिस्तर बढ़ने की जगह मात्र 394 बिस्तर बढ़ये गये हैं।
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