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Aarti Kunj Bihari Ki Lyrics: जन्माष्टमी में पढ़ें यह आरती, देखें यह खास भजन

07:05 PM Aug 15, 2025 IST | Himanshu Negi
Aarti Kunj Bihari Ki Lyrics

Aarti Kunj Bihari Ki Lyrics: भगवान श्रीकृष्ण की जन्माष्टामी के दिन धूमधाम से पर्व को मनाया जाता है, उपवास रखा जाता है और मंदिरों में कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। साथ ही कार्यक्रम में भजन किर्तन और आरती कुंज बिहारी की आरती भी गाई जाती है। आईए विस्तार से जानते है आरती कुंज बिहारी की आरती के बारे में।

Aarti Kunj Bihari Ki Lyrics

यह आरती भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति और उनके दिव्य स्वरूप का गुणगान करती है। इसे जन्माष्टमी या अन्य शुभ अवसरों पर गाया जाता है।

आरती कुंज बिहारी कीश्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
जय श्री कृष्ण मुरारी की ॥ कुंज बिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
गले में बैजंती माला, बजावे मुरली मधुर बाला।
श्रवण में कुंडल झलकाला, नंद के आनंद भयो जय,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥ कुंज बिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
कटि पे केसरिया पीतांबर, झलकत सुघर सजी धनुर्धारी की।
राधा की प्यारी, मुरली की धारी,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥ कुंज बिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
चमकत चंद्रिका मधु मुस्कान, नयन चितचोर चितवन प्रभु की।
मोहन मुरली मधुर बजावे, गोपिका रास रचावे जय,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥ कुंज बिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
तन मन धन सब अर्पण कीजै, भजो रे मन श्री राधे गिरिधारी की।
श्री राधे कृष्ण की भक्ति में, लीन हो जावे जय,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥ कुंज बिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥ जय श्री कृष्ण!

 

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Aarti Kunj Bihari Ki Bhajan

भजन 1

अच्चुतम केशवम कृष्ण दामोदरमअच्चुतम केशवम कृष्ण दामोदरम,
राम नारायणम जानकी वल्लभम। कौन कहता है भगवान आते नहीं,
तुम मीरा के जैसे बुलाते नहीं।
अच्चुतम केशवम कृष्ण दामोदरम,
राम नारायणम जानकी वल्लभम।
कौन कहता है भगवान खाते नहीं,
बेर शबरी के जैसे खिलाते नहीं।
अच्चुतम केशवम कृष्ण दामोदरम,
राम नारायणम जानकी वल्लभम।
कौन कहता है भगवान सोते नहीं,
माँ यशोदा के जैसे सुलाते नहीं।
अच्चुतम केशवम कृष्ण दामोदरम,
राम नारायणम जानकी वल्लभम।
कौन कहता है भगवान नाचते नहीं,
गोपियों की तरह तुम नचाते नहीं।
अच्चुतम केशवम कृष्ण दामोदरम,
राम नारायणम जानकी वल्लभम।

भजन 2

श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारीश्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी,
हे नाथ नारायण वासुदेवाय। एक राधा एक मीरा, दोनों ने श्याम को चाहा,
अंतर क्या दोनों की प्रीत में बोलो।
एक प्रेम दीवानी, एक दर्शन की प्यासी,
दोनों मन के भेद मिटा दो।
श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी,
हे नाथ नारायण वासुदेवाय।
मुरली मनोहर कृष्ण कन्हैया,
गोकुल में बजा रे बंसी की तान।
राधा रानी संग रास रचाया,
गोपियों संग नाच्यो भगवान।
श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी,
हे नाथ नारायण वासुदेवाय।
यमुना तट पे बंसी बजाई,
राधा रानी को रिझायो श्याम।
नटखट नंदलाला, माखन चुरावे,
यशोदा माँ की डाँट खायो तमाम।
श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी,
हे नाथ नारायण वासुदेवाय।

Hindi Bhajan Lyrics

भजन 1: माखन चोर नंदकिशोरमाखन चोर नंदकिशोर, सांवरिया मैं बलिहारी।
मुरली की धुन सुनावे, राधा को नाच नचावे।यशोदा के लाल प्यारे, गोपियों के मन को हारे।

बंसी की तान सुहानी, राधा रानी की दीवानी।
माखन चोर नंदकिशोर, सांवरिया मैं बलिहारी।
गोकुल की गलियों में नाचे, माखन मिश्री चुराए सांचे।
माँ की डाँट सुनत कन्हैया, फिर भी मुस्कान बिखेरे सइयाँ।
माखन चोर नंदकिशोर, सांवरिया मैं बलिहारी।
राधा संग रास रचाये, गोपियों को प्रेम सिखाये।
कृष्ण मुरारी मन को भाये, भक्तों के दुख हर जाये।
माखन चोर नंदकिशोर, सांवरिया मैं बलिहारी।

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