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अब्बास अंसारी की मऊ सीट खाली घोषित: रविवार को सचिवालय खोलकर आदेश जारी

सचिवालय ने रविवार को जारी किया आदेश, मऊ सीट खाली

02:46 AM Jun 01, 2025 IST | Aishwarya Raj

सचिवालय ने रविवार को जारी किया आदेश, मऊ सीट खाली

अब्बास अंसारी की मऊ सीट खाली घोषित  रविवार को सचिवालय खोलकर आदेश जारी

उत्तर प्रदेश विधानसभा ने मऊ के विधायक अब्बास अंसारी की सदस्यता समाप्त कर दी है। हेट स्पीच मामले में उन्हें 2 साल की सजा मिलने के बाद उनकी सीट खाली घोषित की गई। अब मऊ में उपचुनाव की तैयारी शुरू हो चुकी है।

उत्तर प्रदेश विधानसभा सचिवालय ने माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे और मऊ से विधायक अब्बास अंसारी की विधानसभा सदस्यता खत्म कर दी है। शनिवार को हेट स्पीच मामले में कोर्ट ने उन्हें 2 साल की सजा सुनाई थी, जिसके बाद रविवार को विधानसभा सचिवालय खोला गया और उनकी सीट रिक्त घोषित कर दी गई। विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे ने यह आदेश जारी किया। अब्बास अंसारी सुभासपा के टिकट पर सपा के समर्थन से विधायक बने थे। कोर्ट ने कहा कि उन्होंने 2022 के चुनाव प्रचार में भड़काऊ भाषण दिया था, जो लोकसेवा के मानदंडों के खिलाफ है। अब मऊ में उपचुनाव कराने की तैयारी शुरू हो चुकी है।

क्यों तुरंत खत्म की गई अब्बास की सदस्यता?

क्यों तुरंत खत्म की गई अब्बास की सदस्यता?

राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, अब्बास सपा समर्थित विधायक थे और माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे होने के चलते सरकार ने तेज़ी दिखाई। सरकार नहीं चाहती थी कि अब्बास हाईकोर्ट से स्टे लेकर सदस्यता बचा पाएं, इसलिए रविवार को ही सचिवालय खोलकर सीट रिक्त घोषित कर दी गई। यदि अब्बास सोमवार को ही अपील दाखिल कर देते और स्टे मिल जाता, तो विधानसभा सदस्यता खत्म नहीं की जा सकती थी।

क्या होगा अब?

भारत निर्वाचन आयोग एक सीट पर भी उपचुनाव कराने का अधिकार रखता है। ऐसे में एक-दो दिन में मऊ उपचुनाव की तारीख का ऐलान हो सकता है। इससे पहले घोसी सीट पर उपचुनाव हुआ था, जिसमें बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था।

Mukhtar Ansari News: मऊ के विधायक अब्बास अंसारी को 2 साल की सजा, विधायकी हुई खत्म

पूरा मामला क्या था?

3 मार्च 2022 को मऊ में चुनावी रैली के दौरान अब्बास ने कहा था कि “सरकार बनने के बाद 6 महीने तक कोई ट्रांसफर नहीं होगा, जो जहां है, वहीं रहेगा, पहले हिसाब-किताब होगा।” चुनाव आयोग ने इस बयान पर अब्बास को 24 घंटे प्रचार से बैन किया था और FIR दर्ज हुई थी। अब मऊ में होने वाला यह उपचुनाव न सिर्फ क्षेत्रीय बल्कि राजनीतिक रूप से भी बेहद अहम माना जा रहा है।

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Aishwarya Raj

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