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देश में बढ़ेगी एथेनॉल की क्षमता

एथेनॉल क्षमता के निर्माण के लिए चीनी मिलों को 7,400 करोड़ रुपये का अतिरिक्त ऋण कम ब्याज पर देने की तैयारी कर रही है। सूत्रों ने यह जानकारी दी है।

12:08 PM Dec 24, 2018 IST | Desk Team

एथेनॉल क्षमता के निर्माण के लिए चीनी मिलों को 7,400 करोड़ रुपये का अतिरिक्त ऋण कम ब्याज पर देने की तैयारी कर रही है। सूत्रों ने यह जानकारी दी है।

नई दिल्ली : सरकार अपनी हाल ही में शुरू की गई योजना के तहत एथेनॉल क्षमता के निर्माण के लिए चीनी मिलों को 7,400 करोड़ रुपये का अतिरिक्त ऋण कम ब्याज पर देने की तैयारी कर रही है। सूत्रों ने यह जानकारी दी है। खाद्य मंत्रालय जून में शुरू की गई इस योजना के तहत यह सुनिश्चित करने पर विचार कर रहा है कि गैर-शीरा-आधारित भट्टियां भी नयी एथेनॉल निर्माण क्षमता को स्थापित करने अथवा उसका विस्तार करने के लिए सस्ता ऋण लेने में सक्षम हो सकें।

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इस योजना के तहत सरकार ने 4,400 करोड़ रुपये के सस्ता ऋण उपलब्ध कराने की घोषणा की है और पांच साल की अवधि के लिए मिलों को 1,332 करोड़ रुपये की ब्याज सहायता प्रदान की घोषणा की है। इसमें एक साल की भुगतान नहीं करने की छूट की अवधि भी है। सूत्रों ने बताया कि मंत्रालय को 13,400 करोड़ रुपये के सस्ते ऋण के 282 आवेदन मिले हैं। इसमें से 6,000 करोड़ रुपये की ऋण राशि के 114 आवेदनों को मंजूरी दी गई है।

सूत्रों ने आगे कहा कि मंत्रालय शेष 168 आवेदनों के लिए और 7,400 करोड़ रुपये के अतिरिक्त आसान ब्याज वाले ऋण को मंजूरी देने के लिए मंत्रिमंडल की मंजूरी लेने की योजना बना रहा है। उन्होंने कहा कि शेष ऋण राशि के लिए सब्सिडी का बोझ 1,600 करोड़ रुपये होगा। सूत्रों ने कहा कि योजना के तहत अतिरिक्त सस्ते ऋण के लिए मंजूरी लेने के साथ ही अनाज आधारित भट्टियों को भी लाभ लेने की अनुमति देने को नियमों में संशोधन की अनुमति के लिए एक प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।

वर्तमान में, योजना के तहत शीरा आधारित भट्टियों की ही इसकी अनुमति है। मानक वाली डिस्टिलरीज के आने से अधिशेष गन्ना उत्पादन के दौरान इस अतिरिक्त उत्पादन को खपाने में मदद मिलेगी। गन्ने से निकाले गए एथेनॉल का उपयोग पेट्रोल में मिश्रण के लिए किया जाएगा और गन्ना किसानों को उनकी फसल के लिए एक लाभकारी मूल्य मिल सकेगा।

पेट्रोल में एथेनॉल के मिश्रण करने से देश को अपने तेल आयात में कटौती करने में भी मदद मिलेगी। दुनिया के दूसरे सबसे बड़ा उत्पादक देश, भारत में विपणन वर्ष 2018-19 के दौरान 3.15 करोड़ टन चीनी उत्पादन होने की संभावना है, जो पिछले साल के 3.25 करोड़ टन से थोड़ा कम है।

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