91 साल की उम्र में 3 Idiots फेम Achyut Potdar ने दुनिया को कहा अलविदा
बॉलीवुड और मराठी सिनेमा के बेहतरीन एक्टर अच्युत पोतदार (Achyut Potdar) का सोमवार देर रात निधन हो गया। वह 91 साल के थे और लंबे समय से स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से जूझ रहे थे। वहीं सोमवार रात अचानक उनकी तबीयत बिगड़ने पर उन्हें ठाणे के जुपिटर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर के बाद परिवार में शोक का माहौल है और उनके फैंस से लेकर, उनके साथ काम कर चुके कलाकार उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं।
बता दें, अच्युत पोतदार (Achyut Potdar) का अंतिम संस्कार मंगलवार शाम 4 बजे ठाणे में किया गया। परिवार के करीबी सूत्रों के मुताबिक, उन्हें अचानक चक्कर आने के बाद अस्पताल ले जाया गया था। बेटी अनुराधा पारस्कर ने बताया कि डॉक्टरों के प्रयासों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका।
कैसा रहा उनका फिल्मी सफर
22 अगस्त 1934 को जन्मे अच्युत पोतदार (Achyut Potdar) का जीवन किसी इंस्पिरेशन से कम नहीं है। भारतीय सेना और इंडियन ऑयल कंपनी में लगभग 25 वर्षों तक सेवाएं देने के बाद उन्होंने अभिनय की दुनिया में कदम रखा। हालांकि उन्होंने करियर की शुरुआत तोड़ी देर से की, लेकिन उनकी लगन और मेहनत ने उन्हें रंगमंच और सिनेमा दोनों में ही अगल पहचान दिलाई। उन्होंने सत्यदेव दुबे, विजया मेहता और सुलभा देशपांडे जैसे दिग्गज रंगकर्मियों के साथ नाटकों में काम किया और अपनी कला को निखारा।
125 से अधिक फिल्मों में किया काम
हिंदी और मराठी सिनेमा में अच्युत पोतदार (Achyut Potdar) ने लगभग 125 फिल्मों में अभिनय किया। वह अक्सर सपोर्टिंग रोल्स वाली भूमिकाओं में नजर आते थे और अपनी किरदार से दर्शकों का ध्यान अपनी और खींच लेते थे। 1980 और 90 के दशक की कई पॉपुलर फिल्मों जैसे ‘तेज़ाब’, ‘परिंदा’, ‘अंगार’, ‘राजू बन गया जेंटलमैन’, ‘रंगीला’ और ‘दिल है कि मानता नहीं’ में उनकी उपस्थिति दर्ज की गई।
राजकुमार हिरानी की ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘3 इडियट्स’ में उनका निभाया गया प्रोफेसर का किरदार आज भी दर्शकों की यादों में ताजा है। उनका डायलॉग “कहना क्या चाहते हो…” आज भी फैंस को याद है।
टीवी पर भी छोड़ी छाप
छोटे पर्दे पर भी पोतदार ने अपनी शानदार स्क्रीन प्रेज़ेन्स से सभी का दिल जीत लिया। ‘भारत एक खोज’, ‘वागले की दुनिया’ और हाल ही में ‘माझा होशिल ना’ जैसे धारावाहिकों में उनकी भूमिकाएं दर्शकों को खूब पसंद आईं। ‘माझा होशिल ना’ में अप्पा का उनका किरदार दर्शकों के बीच बेहद पॉपुलर रहा।
He was professor in economics, then joined the Army on the Emergency Commission and later worked in Indian Oil until retirement.
In Mumbai, he met Satyadev Dubey, did theatre and debuted in films with Akrosh & Ardhasatya.
Achyut Potdar turns 89 today! pic.twitter.com/WwROYopmJ2
— Film History Pics (@FilmHistoryPic) August 22, 2023
जन्मदिन से पहले दुनिया को कहा अलविदा
पिछले साल 22 अगस्त को उनका 90वां जन्मदिन बड़ी धूमधाम से मनाया गया था। इस अवसर पर फिल्म और रंगमंच से जुड़ी कई बड़ी हस्तियां मौजूद थीं।अच्युत पोतदार का निधन भारतीय सिनेमा और रंगमंच के लिए बड़ी क्षति है। उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। उन्होंने अपने किरदारों से दर्शकों को हंसाया, रुलाया और सोचने पर मजबूर किया। मूवीलवर्स और कलाकारों ने सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए लिखा कि वह न केवल एक बेहतरीन एक्टर थे बल्कि एक अच्छे इंसान भी थे। भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में अच्युत पोतदार का नाम उन कलाकारों में शुमार है जिन्होंने अपने अभिनय से कभी मुख्य नायक न होते हुए भी दर्शकों पर गहरी छाप छोड़ी।