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आदर्श शास्त्री ने कांग्रेस का दामन थामा

दिवंगत प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पौत्र और इस बार विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं दिये जाने से नाराज आम आदमी पार्टी (आप) विधायक आदर्श शास्त्री शनिवार को कांग्रेस में शामिल हो गए।

03:17 PM Jan 18, 2020 IST | Shera Rajput

दिवंगत प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पौत्र और इस बार विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं दिये जाने से नाराज आम आदमी पार्टी (आप) विधायक आदर्श शास्त्री शनिवार को कांग्रेस में शामिल हो गए।

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दिवंगत प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पौत्र और इस बार विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं दिये जाने से नाराज आम आदमी पार्टी (आप) विधायक आदर्श शास्त्री शनिवार को कांग्रेस में शामिल हो गए।
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श्री शास्त्री दिल्ली विधानसभा के 2015 के चुनाव में द्वारका सीट से विजयी हुए थे। पार्टी ने उन्हें इस बार टिकट नहीं दिया। उनके स्थान पर आप पार्टी ने हाल ही में दल में शामिल हुए कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद महाबल मिश्रा के पुत्र विनय कुमार मिश्रा को टिकट दिया है। श्री मिश्रा ने शुक्रवार को आप उम्मीदवार के रूप में द्वारका से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया।
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस की तरफ से कहा गया है कि श्री शास्त्री आज पार्टी के दिल्ली मामलों के प्रभारी कांग्रेस महासचिव पी सी चाको और राज्य इकाई के अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल हुए।
श्री चाको और श्री चोपड़ ने श्री शास्त्री को गले लगाया और पार्टी का पटका पहनाकर कांग्रेस में शामिल किया।
श्री चाको और श्री चोपड़ ने श्री शास्त्री के कांग्रेस में शामिल होने को घर वापसी बताते हुए कहा,‘‘ हमारे परिवार का एक बच्चा जो हमसे अलग हो गया था वह फिर वापस आ गया है। हम पार्टी में दिल खोलकर उसका स्वागत करते हैं।’’ दोनों ने कहा कि श्री शास्त्री की साफ और ईमानदार छवि को कांग्रेस को दिल्ली में लाभ मिलेगा।
श्री चोपड़ ने कहा कि श्री शास्त्री प्रतिष्ठित और ऊंचे ओहदे की नौकरी छोड़कर जन सेवा के लिए राजनीति में आए और आप पार्टी में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि श्री केजरीवाल के लोकपाल के लिए किए गए बड़-बड़ वादे के झांसे में श्री शास्त्री आ गए और मुख्यमंत्री बनने के बाद आप पार्टी लोकपाल को भूल गई।
श्री शास्त्री ने इस मौके पर कहा कि 18-19 साल तक ऊंचे ओहदे पर नौकरी करने के बाद वह श्री केजरीवाल की भ्रष्टाचार से लड़ाई और ईमानदारी से राजनीति करने की बड़ी-बड़ी बातों में आकर जनसेवा करने के लिए राजनीति में आए, किंतु मेरे सपने चकनाचूर हो गए।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री विधायकों की एक भी नहीं सुनते थे। श्री शास्त्री ने कहा उनके दादा ने ईमानदारी और स्वाभिमान से कभी समझौता नहीं किया और वह भी इसी रास्ते पर आगे बढ़े। विधायक ने कहा कि दिल्ली में जब राज्यसभा के तीन सांसदों के लिए पार्टी टिकट तय कर रही थी, उस समय जब बैठक में दो के नाम सामने आये तो सभी विधायक स्तब्ध रह गए।
श्री शास्त्री ने पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर लड़े महाबल मिश्रा को लगभग 67 हजार मतों के बड़ अंतर से पराजित किया था।
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Shera Rajput

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