'48 घंटे में गिरफ्तार हो DGP' मृतक ADGP की पत्नी ने दे दिया अल्टीमेटम, पोसट्मार्टम में फंसा पेंच
ADGP Puran Suicide Case: हरियाणा के ADGP वाई पूरन कुमार के सुसाइड का मामला अब सियासी रंग ले रहा है। एक-एक कर विपक्षी नेता मृतक आईपीएस के परिवार से मिलने आ रहे हैं और हरियाणा सरकार पर कार्रवाई करने का दबाव बना रहे हैं। वहीं महापंचायत और आईपीएस की पत्नी अमनीत डीजीपी शत्रुजीत कपूर को हटाने की मांग कर रहे हैं। मृतक आईपीएस अधिकारी के लिए गठित 31 सदस्यों की समिति ने डीजीपी को गिरफ्तार करने के लिए 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। वहीं मौत के पांच दिन भी वाई पूरन सिंह के पोस्टमार्टम को लेकर पेंच फंसा हुआ है।

ADGP Puran Suicide Case: 5 दिन से मोर्चरी में पड़ा है शव
बता दें राज्य सरकार के मंत्रियों, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकारों और नौकरशाहों के दबाव डालने के बाद भी आईपीएस अधिकारी का परिवार शव को पोस्टमार्टम कराने के लिए राजी नहीं हुआ है। परिवार की सहमति से पूरन कुमार का शव 7 अक्टूबर से मोर्चरी में पड़ा है। वाई पूरन कुमार की पत्नी, हरियाणा की एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अमनीत पी. कुमार ने बुधवार को जापान से लौटने के बाद चंडीगढ़ के सेक्टर 11 पुलिस स्टेशन में अपने पति के सुसाइड नोट में उल्लिखित अधिकारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। परिवार ने कहा है कि जब तक आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी, तब तक शव का पोस्टमार्टम नहीं होगा।
ADGP Suicide News: डीजीपी समेत अन्य अफसरों पर लगाया प्रताड़ना का आरोप
गौरतलब है कि 7 अक्टूबर को वाई. पूरन कुमार ने सेक्टर 11 स्थित अपने घर पर गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। उन्होंने आठ पन्नों का एक सुसाइड नोट लिखा था जिसमें उन्होंने हरियाणा के वर्तमान डीजीपी शत्रुघ्न कपूर, रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजारनिया और दो पूर्व डीजीपी समेत कई अन्य आईपीएस और आईएएस अधिकारियों के नाम लिए थे। पूरन कुमार ने सुसाइड नोट में लिखा था कि उन्हें कई सालों से जातिगत भेदभाव का सामना करना पड़ रहा था और जब उन्होंने अपनी आवाज उठाने की कोशिश की तो उन्हें परेशान किया गया।

Haryana Latest News: एससी/एसटी एक्ट के प्रावधान शामिल
चंडीगढ़ पुलिस ने परिवार की मांग मानते हुए रविवार को पूरन कुमार की कथित आत्महत्या के संबंध में दर्ज एफआईआर में एससी/एसटी एक्ट के कड़े प्रावधान शामिल कर दिए। एसआईटी का नेतृत्व कर रहे आईजीपी पुष्पेंद्र कुमार ने एफआईआर में एससी/एसटी एक्ट की धारा 3(2)(v) शामिल किए जाने की पुष्टि की।
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