उत्तराखंड में प्रशासनिक फेरबदल, 25 IAS और 12 PCS अधिकारियों का तबादला
CM धामी ने अपने सरकारी आवास पर बैठक की
उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में प्रशासनिक फेरबदल हुआ, जिसमें 33 आईएएस और 24 पीसीएस अधिकारियों का तबादला किया गया। यह निर्णय गुरुवार देर रात लिया गया। मुख्यमंत्री ने आगामी मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक की तैयारियों की समीक्षा की और आयुष्मान योजना के तहत सभी सरकारी अस्पतालों में पंजीकरण अनिवार्य करने के निर्देश दिए।
उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार ने प्रशासनिक फेरबदल किया है। 33 भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारियों और 24 प्रांतीय सिविल सेवा (पीसीएस) अधिकारियों का तबादला कर दिया। उत्तराखंड सरकार द्वारा यह निर्णय गुरुवार देर रात लिया गया। इससे पहले 11 मई को राज्य सरकार ने 25 आईएएस और 12 पीसीएस अधिकारियों का तबादला किया था। इस बीच, गुरुवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आगामी मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक की तैयारियों का आकलन करने के लिए अपने सरकारी आवास पर बैठक की।
शासकीय आवास पर आयोजित बैठक के दौरान वाराणसी में आदरणीय केंद्रीय गृह मंत्री श्री @AmitShah जी की अध्यक्षता में प्रस्तावित मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक की तैयारियों की समीक्षा की।
मध्य क्षेत्रीय परिषद केंद्र और राज्यों के बीच संपर्क एवं सहयोग को सुदृढ़ करने के साथ-साथ, समान… pic.twitter.com/X2IE5Y0Ujp
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) June 19, 2025
मुख्यमंत्री धामी ने अपने सरकारी आवास पर आगामी मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक की तैयारियों की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। यह बैठक अंतर-विभागीय समन्वय और बुनियादी ढांचे की व्यवस्था का आकलन करने के लिए बुलाई गई थी।चर्चा के दौरान, CM धामी ने शासन चुनौतियों पर विचार-विमर्श करने और केंद्र और भाग लेने वाले राज्यों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में मध्य क्षेत्रीय परिषद के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने अधिकारियों से बैठक को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का आग्रह किया।
सीएम धामी ने मध्य क्षेत्रीय परिषद बैठक की तैयारियों का जायजा लिया
CM धामी ने सभी सरकारी अस्पतालों में आयुष्मान योजना के तहत नागरिकों का पंजीकरण अनिवार्य करने के निर्देश भी जारी किए थे और स्वास्थ्य योजना से अधिकतम लाभ सुनिश्चित करना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता बताई थी। साथ ही अधिकारियों से आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर 112 का प्रचार-प्रसार बढ़ाने को कहा ताकि नागरिक आपात स्थिति के दौरान समय पर सहायता प्राप्त कर सकें।