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'मुझे भगवान ने कहा...', CJI पर जूता फेंकने वाले वकील ने जमकर निकाली भड़ास, नुपुर शर्मा का किया बचाव

12:22 PM Oct 07, 2025 IST | Neha Singh
Advocate Rakesh Kishore

Advocate Rakesh Kishore: सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में बड़ा हंगामा हुआ। सुनवाई के दौरान वकील राकेश किशोर ने मुख्य न्यायधीश बीआर गवई पर हमला कर दिया। राकेश किशोर ने सीजेआई पर जूता फेंककर मारा, जिसके बाद कोर्ट में हड़कंप मच गया। हालांकि सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत वकील को कोर्ट रूम से बाहर निकाल दिया। राकेश किशोर हाल ही में सीजेआई द्वारा सनातन पर दिए गए विवादित बयान से भड़के हुए थे। इस घटना के बाद उन्हें निष्काषित कर दिया गया। अब उन्होंने अपने इस कृत्य के लिए सफाई दी है। राकेश किशोर ने कहा कि उन्हें ऐसा करने का कोई पछतावा नहीं है।

Advocate Rakesh Kishore: 'भगवान ने मुझसे कहा..'

राकेश किशोर ने कहा, सीजेआई गवई की टिप्पणी सुनकर मेरी नींद उड़ गई। हर रात भगवान मुझसे पूछते थे, इतने अपमान के बाद मैं कैसे आराम कर सकता हूं? 16 सितंबर को मुख्य न्यायाधीश की अदालत में एक जनहित याचिका दायर की गई थी। मुख्य न्यायाधीश ने इसका मजाक उड़ाते हुए कहा - जाओ और मूर्ति से प्रार्थना करो और उसे अपना सिर वापस लगाने के लिए कहो...जब नूपुर शर्मा का मामला अदालत में आया, तो अदालत ने कहा कि उन्होंने माहौल बिगाड़ा है...जब हमारे सनातन धर्म से जुड़ा कोई मामला आता है, तो सर्वोच्च न्यायालय ऐसे आदेश देता है।

Rakesh Kishore News: मुझे कोई पछतावा नहीं

राकेश किशोर ने कहा, याचिकाकर्ता को राहत न दें, लेकिन उसका मज़ाक भी न उड़ाएं...मैं आहत था...मैं नशे में नहीं था। यह उनकी हरकत पर मेरी प्रतिक्रिया थी...मैं डरा हुआ नहीं हूं। जो हुआ उसका मुझे कोई पछतावा नहीं है और मैं जेल जाने के लिए भी तैयार हूं" उसने यह भी स्पष्ट किया कि वह किसी भी राजनीतिक दल से जुड़ा नहीं है। किशोर ने कहा, " मेरा परिवार मेरे काम से बहुत नाखुश है। वे मुझे समझ नहीं पा रहे हैं। इससे बेहतर है कि मैं जेल चला जाऊं।"

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CJI Gavai ( source: social media)

Attack on CJI: भगवान विष्णु पर की थी टिप्पणी

हाल ही में सीजेआई गवई ने भगवान विष्णु पर एक विवादित बयान दिया था, जिसको लेकर हिंदूओं ने उनकी आलोचना की थी। भगवान विष्णु की मूर्ति को पुनर्स्थापित करने के एक मामले की सुनवाई करते हुए सीजेआई गवई ने याचिकाकर्ता को निर्देश दिया कि वह भगवान विष्णु से ही कहे कि वो स्वंय अपनी मूर्ति पुनर्स्थापित करलें, क्योंकि अदालत ने इस पर विचार करने से इनकार कर दिया है। जब उनकी टिप्पणी पर सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं भड़कीं, तो मुख्य न्यायाधीश गवई ने स्पष्ट किया कि वह सभी धर्मों का सम्मान करते हैं।

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