Top NewsindiaWorldViral News
Other States | Delhi NCRHaryanaUttar PradeshBiharRajasthanPunjabjammu & KashmirMadhya Pradeshuttarakhand
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariBusinessHealth & LifestyleVastu TipsViral News
Advertisement

पश्चिम बंगाल में जन औषधि केंद्रों से सस्ती दवाएं उपलब्ध

घोला में जन औषधि केंद्र गरीबों के लिए वरदान

04:44 AM Jun 01, 2025 IST | IANS

घोला में जन औषधि केंद्र गरीबों के लिए वरदान

पश्चिम बंगाल के घोला में जन औषधि केंद्रों के माध्यम से सस्ती दवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना के तहत यह केंद्र आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए जीवन रेखा बने हैं, जहां 50 से 90 प्रतिशत तक की छूट पर दवाइयां मिलती हैं। इन केंद्रों से स्वास्थ्य देखभाल पर खर्च कम हो रहा है।

पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के घोला निवासी ‘प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना’ का लाभ उठा रहे हैं। यह केंद्र सरकार की प्रमुख योजना है, जिसका उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण दवाओं को सभी के लिए सस्ता और सुलभ बनाना है। इस योजना के तहत जिले के विभिन्न हिस्सों में जन औषधि केंद्र स्थापित किए गए हैं, जहां 50 प्रतिशत से लेकर 90 प्रतिशत तक की छूट पर आवश्यक दवाइयां उपलब्ध हैं। जन औषधि केंद्र आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लोगों के लिए जीवन रेखा बन गए हैं।

स्वास्थ्य देखभाल पर होने वाले खर्च को कम करने के लिए इन विशिष्ट दुकानों, जिन्हें ‘प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र’ कहा जाता है, के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला उपलब्ध कराई जाती है। इन दवाओं की कीमत ब्रांडेड दवाओं की तुलना में काफी कम है, लेकिन ये उतनी ही प्रभावी हैं।

घोला में जन औषधि केंद्र के संचालक संजीव विश्वास ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कहा, “यहां सभी तरह की दवाइयां सभी के लिए उपलब्ध हैं। अब तक हमने कभी किसी को दवाई न मिलने की वजह से दवाई लेने से नहीं रोका। हर परिवार को जरूरी दवाइयां मिल पा रही हैं। हमारे यहां च्यवनप्राश जैसे उत्पाद भी उपलब्ध हैं। हम 50 से 90 फीसदी तक की छूट देते हैं। इन केंद्रों से आम और गरीब लोगों को काफी फायदा हो रहा है। जीवन रक्षक दवाएं अब काफी कम कीमत पर मिल रही हैं। अगर ऐसे और केंद्र खुलेंगे तो लोगों को और भी फायदा होगा।”

नवंबर 2008 में प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र पहल की शुरुआत रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के तहत फार्मास्यूटिकल्स विभाग द्वारा की गई थी, ताकि जनता को सस्ती दरों पर उच्च गुणवत्ता वाली जेनेरिक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके। इसका लक्ष्य लागत प्रभावी जेनेरिक दवाओं के उपयोग को बढ़ावा देना है, जो गुणवत्ता और प्रभावशीलता में महंगी ब्रांडेड दवाओं के बराबर हों। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में योजना का महत्वपूर्ण विस्तार हुआ है। अब भारत भर में हजारों जन औषधि केंद्र संचालित हो रहे हैं, जो लाखों लोगों को सेवा प्रदान कर रहे हैं।

छत्तीसगढ़ शराब घोटाला : EOW और ECB की बड़ी कार्रवाई, कारोबारी विजय भाटिया गिरफ्तार

जेनेरिक दवाओं के उपयोग के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए, 7 मार्च को प्रतिवर्ष ‘जन औषधि दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष, 1 से 7 मार्च तक एक सप्ताह तक चलने वाले अभियान में देश भर में जागरूकता अभियान और कार्यक्रम शामिल थे। कार्यक्रम के माध्यम से नागरिकों को इन केंद्रों का उपयोग करने और स्वास्थ्य के किफायती देखभाल को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया गया।

Advertisement
Advertisement
Next Article