अफगान संकट : विस्थापित हुए लोगों को लेकर 'आईओएम' ने व्यक्त की गंभीर चिंता, कहा-मानवीय राहत की है जरूरत
अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद से बढ़ रहे मानवीय संकट को लेकर आईओएम (अंतरराष्ट्रीय प्रवासी संघ ) ने भारी संख्या में अफगानी नागरिकों के विस्थापन के मसले पर गंभीर चिंता व्यक्त की है
01:33 PM Jan 04, 2022 IST | Desk Team
अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद से बढ़ रहे मानवीय संकट को लेकर आईओएम (अंतरराष्ट्रीय प्रवासी संघ ) ने भारी संख्या में अफगानी नागरिकों के विस्थापन के मसले पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा है कि, यहां जारी मानवीय संकट के कारण 664,000 लोग विस्थापित हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र एजेंसी ने यहां जारी एक बयान में कहा, अफगानिस्तान में लगभग 55 लाख लोग आंतरिक तौर पर विस्थापित हुए हैं और ये बुरी हालत में रह रहे हैं तथा अभी हाल ही में 664,000 लोग मौजूदा संकट के कारण विस्थापित हुए हैं। इसके अलावा 924,744 लोग भी हैं जिनका कोई आंकड़ा नहीं हैं और जनवरी 2021 से सितंबर 2021 के दौरान ईरान तथा पाकिस्तान से लौटे हैं। उन्होंने कहा, 22 लाख से अधिक शरणार्थी और 35 लाख अपंजीकृत अफगानी नागरिक इन्हीं देशों में रह रहे हैं।
Advertisement
लोगों को ही रही है काफी मुश्किल
विदेशी मीडिया ने कहा है कि अफगानिस्तान इस समय एक भीषण मानवीय त्रासदी से गुजर रहा है और इन लोगों को जितनी मानवीय राहत की जरूरत हैं वह उन तक नहीं पहुंचाई गई है। इस बीच एक अफगान महिला ने बताया कि, जीवन बस ऐसे ही कट रहा है और सरकार हमारी कोई मदद नहीं कर रही है तथा हमारे पास घर में खाने के लिए भी कुछ नहीं है। एक अन्य विस्थापित व्यक्ति मोहम्मद अफजल ने बताया कि हमने गरीबी और युद्ध की वजह से अपना घर छोड़ दिया है और दो वक्त का खाना जुटाने के लिए हम कड़ी मेहनत कर रहे हैं।
विस्थापितों के लिए अंतरराष्ट्रीय सहायता की आवश्यकता है : तालिबान सरकार
इस बीच तालिबान सरकार के शरणार्थी और प्रवासी मामलों के विभाग ने कहा है कि विस्थापित लोगों की मदद के लिए उन्हें अभी और अंतरराष्ट्रीय सहायता की आवश्यकता है और इस दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। मंत्रालय ने कहा है कि, उसने विस्थापित लोगों को भोजन बांटने का काम शुरू कर दिया है। इस बीच अफगानिस्तान में तैनात एक पूर्व संयुक्त राष्ट्र कर्मचारी ने कहा कि, हम एक ऐसी अवस्था में है जहां अफगानिस्तानी सरकार और अंतराष्ट्रीय संगठन इस समस्या का समाधान खोजने की हालत में नहीं हैं।
Advertisement