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अफगानिस्तान के इस पिता ने जीता लोगों का दिल, बेटियों को पढ़ाने के लिए रोजाना करते हैं12 Km की दूरी तय

अक्सर देखा गया है लोग अपने बेटों को पढ़ाने के लिए बेटियों को घरों में कैद करते हैं। लेकिन दुनिया में कुछ ऐसे भी मां-बाप होते हैं जो अपनी बेटियों को बेटों के सामान समझते हैं

10:16 AM Dec 06, 2019 IST | Desk Team

अक्सर देखा गया है लोग अपने बेटों को पढ़ाने के लिए बेटियों को घरों में कैद करते हैं। लेकिन दुनिया में कुछ ऐसे भी मां-बाप होते हैं जो अपनी बेटियों को बेटों के सामान समझते हैं

अक्सर देखा गया है लोग अपने बेटों को पढ़ाने के लिए बेटियों को घरों में कैद करते हैं। लेकिन दुनिया में कुछ ऐसे भी मां-बाप होते हैं जो अपनी बेटियों को बेटों के सामान समझते हैं और उन्हें पढ़ाने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। बता दें कि इसी बीच सोशल मीडिया पर एक पिता की कहानी खूब वायरल हो रही है। 
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दरअसल यह पिता रोजाना अपनी बेटियों को मोटरसाइकिल पर बेटियों को 12 किलोमीटर की दूरी तय करके पढ़ाने के लिए भेजते हैं। इतना ही नहीं यह पिता अपनी बेटियों के स्कूल खत्म होने तक बाहर ही घंटों तक खड़े रहते हैं। ऐसा इसलिए ताकि वह अपनी बेटियों का साथ लेकर घर जाएं। सोशल मीडिया यूजर्स ने मिया खान को असली हीरो करारा दे दिया है। 
मिया खान की कहानी क्या है?

अफगानिस्तान के पक्तिका प्रांत में मिया खान रहते हैं। उनकी तीन बेटियां हैं और उनका ख्याल वह बेटों की तरह रखते हैं। जिस तरह से लोग बेटों को अच्छी तालीम देते हैं उसी तरह से मिया खान अपनी बेटियों को वहीं पढ़ाई देना चाहते हैं। मिया खान कहते हैं कि मैं अनपढ़ हूं और दिहाड़ी पर जी रहा हूं, लेकिन बेटियों की शिक्षा मेरे लिए बेहद जरूरी है। क्योंकि हमारे इलाके में एक भी डॉक्टर नहीं है। मेरा सपना है कि मैं अपी बेटियों को को बेटों की तरह ही पढ़ाऊं। 
एक ही स्कूल में पढ़ती हैं तीनों बेटियां

नूरानिया स्कूल में मिया खान की तीनों बेटियां पढ़ती हैं और वह हर रोज उन्हें स्कूल लेकर जाते हैं। स्वीडिश कमेटी ऑफ अफगानिस्तान द्वारा यह स्कूल चलता है। मिया खान की बेटी रोजी ने कहा, मैं बहेद खुुुश हूं कि मैं पढ़ाई कर रही हूं। मैं छठी क्लास में हूं। पापा या भाई हमें मोटरसाइकिल पर रोज स्कूल लाते हैं। और जब हमारी छुट्टी होती है, तो हमें वापस घर लेकर जाते हैं। तीनों बेटियां मिया खान की एक स्कूल में पढ़ती हैं। दो बेटियां छठी क्लास में हैं और एक 5वीं क्लास में है। 
इनकी कहानी पसंद कर रहे हैं लोग


एनजीओ स्वीडिश कमेटी ऑफ अफगानिस्तान ने इस पिता की कहानी को अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट किया। अब तक 400 से ज्यादा शेयर, लगभग 2 हजार लाइक्स और 140 से ज्यादा लोगों ने इस पोस्ट पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। 
इन पर हमें गर्व है

नायला इनायत नाम के एक शख्स ने इस पिता को सलाम किया और अपने ट्विटर पर इनकी कहानी को पोस्ट किया। 9 हजार लाइक्स और 2.2 रीट्वीट इस पोस्ट को अब मिल गए हैं। 
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