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भारत में 4 धाम के बाद अब कंबोडिया में बनेगा पांचवां धाम

हिंदू धर्म में चार धाम की यात्रा करना बहुत पवित्र माना जाता है। ये चार धाम हैं- बद्रीनाथ, द्वारका, जगन्नाथ पुरी और रामेश्वरम। मगर अब दक्षिण पूर्व एशियाई देश कंबोडिया में पांचवां धाम स्थापित होने जा रहा है।

05:19 PM Nov 22, 2019 IST | Shera Rajput

हिंदू धर्म में चार धाम की यात्रा करना बहुत पवित्र माना जाता है। ये चार धाम हैं- बद्रीनाथ, द्वारका, जगन्नाथ पुरी और रामेश्वरम। मगर अब दक्षिण पूर्व एशियाई देश कंबोडिया में पांचवां धाम स्थापित होने जा रहा है।

भारत में 4 धाम के बाद अब कंबोडिया में बनेगा पांचवां धाम
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हिंदू धर्म में चार धाम की यात्रा करना बहुत पवित्र माना जाता है। ये चार धाम हैं- बद्रीनाथ, द्वारका, जगन्नाथ पुरी और रामेश्वरम। मगर अब दक्षिण पूर्व एशियाई देश कंबोडिया में पांचवां धाम स्थापित होने जा रहा है।
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कंबोडिया में भव्य मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट का रजिस्ट्रेशन भी हो गया है। इस ट्रस्ट से भारत और कंबोडिया दोनों देशों के हिंदू समाज के लोग जुड़े हैं। यहां बनने वाले मंदिर में भगवान शिव की 180 फुट ऊंची मूर्ति लगेगी। संघ नेता इंद्रेश कुमार ने इसे पांचवां धाम बताया है।
संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य इंद्रेश कुमार ने शुक्रवार को यहां कांस्टीट्यूशन क्लब में प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि 29 नवंबर से पांचवें धाम की यात्रा के लिए देश से यात्रियों का पहला जत्था कंबोडिया रवाना होगा, जिसमें कई और देशों के श्रद्धालु आएंगे।
इंद्रेश कुमार ने कहा कि पांचवां धाम सनातन धर्म की सहिष्णुता का प्रतीक होगा। पूर्वी एशिया में सनातन हिंदू संस्कृति और धर्म के प्रचार-प्रसार में पांचवा धाम महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
ट्रस्ट से जुड़े कुमारन स्वामी ने बताया कि पांच सौ करोड़ रुपये से पांचवे धाम का निर्माण होगा। भगवान शिव की 180 फुट ऊंची मूर्ति लगेगी।
गणेश और बुद्ध की भी मूर्तियां भी लगेंगी। कुमारन स्वामी ने यह भी बताया कि पांचवां धाम कंबोडिया के अंकोरवाट स्थित विश्व के सबसे बड़े विष्णु मंदिर से करीब 30 किलोमीटर दूर है।
निर्माण पूरा होने के बाद पांचवां धाम दुनिया में आकर्षण का केंद्र होगा। बता दें कि पिछले साल कंबोडिया में पांचवे धाम के लिए भूमि पूजन हो चुका है।
इस पूरे कार्यक्रम से जुड़े शैलेश ने बताया कि 29 नवंबर को सुबह साढ़े सात बजे फ्लाइट से यात्रियों का पहला जत्था कंबोडिया रवाना होगा। तीन दिसंबर तक सभी वहां रहेंगे।
दिल्ली से कंबोडिया तक आने-जाने और रहने का खर्च करीब 65 हजार तय किया गया है। हलांकि वास्तविक खर्च इससे ज्यादा का आ रहा है। यात्रा में शामिल होने के लिए कोई भी व्यक्ति पंजीकरण करा सकता है।
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Shera Rajput

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