Top NewsIndiaWorld
Other States | Delhi NCRHaryanaUttar PradeshBiharRajasthanPunjabJammu & KashmirMadhya Pradeshuttarakhand
Business
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

40 साल बाद मिटा भोपाल गैस त्रासदी का नामोनिशान नामोनिशान

12:40 PM Jul 01, 2025 IST | staging

Bhopal Gas Tragedy Waste: 2 दिसंबर 1984 को हुई भोपाल गैस त्रासदी का नामोनिशान आखिरकार मिट ही गया। 40 साल पुराने कचरे को जलाने को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था, लेकिन अब सारा कचरा जलाया जा चुका है। लंबे समय तक कोर्ट में केस चलने के बाद आखिरकार वह समय आ गया जब कचरे को भोपाल से धार जिले के पीथमपुर लाया गया। हाईकोर्ट के फैसले के बाद कचरे को जलाने का काम शुरू हुआ। 29 और 30 जून की दरमियानी रात करीब 1 बजे तक पूरा 337 टन कचरा जलकर राख हो गया।

राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की निगरानी में जलाया गया कचरा

दरअसल, पिछले कुछ महीनों में भोपाल में बंद पड़ी यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री से कंटेनरों में 337 टन जहरीला कचरा पीथमपुर लाया गया। यहां इस जहरीले कचरे को रामकी ग्रुप के औद्योगिक अपशिष्ट प्रबंधन प्लांट में धीरे-धीरे जलाया गया है। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एक अधिकारी ने मीडिया को बताया कि भोपाल गैस त्रासदी का कुल 337 टन कचरा जलाया गया है। यह सारा कचरा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की निगरानी में जलाया गया है।

हाईकोर्ट ने सुनाया था फैसला

बता दें कि दिसंबर 2024 में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कचरे को जलाने का आदेश दिया था। इस दौरान एमपी हाईकोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा था कि मार्च 2024 में राज्य सरकार द्वारा पेश की गई योजना के अनुसार जहरीले कचरे को जलाने की न्यूनतम अवधि 185 और अधिकतम अवधि 377 दिन है। सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के निर्देश के बाद भी इस कचरे को क्यों नहीं जलाया गया। इस दौरान कोर्ट ने 4 सप्ताह के भीतर भोपाल से कचरे को हटाने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद 1 जनवरी 2025 को कड़ी सुरक्षा के बीच यूसीसी के जहरीले कचरे को भोपाल से पीथमपुर लाया गया था।

Advertisement
Advertisement
Next Article