Top NewsindiaWorldViral News
Other States | Delhi NCRHaryanaUttar PradeshBiharRajasthanPunjabjammu & KashmirMadhya Pradeshuttarakhand
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariBusinessHealth & LifestyleVastu TipsViral News
Advertisement

500 वर्षों के संघर्ष के पश्चात 22 जनवरी को जन्मस्थान पर बने मंदिर में लौट रहे हैं श्रीराम : दत्तात्रेय होसबाले

09:22 PM Dec 09, 2023 IST | Divyanshu Mishra

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने 22 जनवरी 2024 को अयोध्या के मंदिर में होने जा रहे रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का जिक्र करते हुए कहा है कि 14 वर्षों के वनवास के पश्चात पहले राजमहल में और अब 500 वर्षों के संघर्ष के पश्चात 22 जनवरी को जन्मस्थान पर बने भव्य मंदिर में और फिर जन-जन में भगवान श्रीराम लौटेंगे।

HIGHLIGHTS

दत्तात्रेय होसबाले ने पुस्तक ‘राम फिर लौटे’ का नई दिल्ली में लोकार्पण किया

दत्तात्रेय होसबाले ने श्रीराम मंदिर के निर्माण की ऐतिहासिक व गौरवपूर्ण यात्रा को रेखांकित करती पुस्तक ‘राम फिर लौटे’ का नई दिल्ली में लोकार्पण करते हुए कहा कि राम शुभ हैं, राम मंगल हैं, राम प्रेरणा हैं, विश्वास हैं। वे धर्म की मूर्ति नहीं विग्रह हैं, स्वयं धर्म हैं। जीवन का मर्म हैं, आदि और अंत हैं। उन्होंने कहा कि प्रभु श्रीराम 14 वर्ष के वनवास के पश्चात पहले राजमहल में और अब 500 वर्षों के संघर्ष के पश्चात 22 जनवरी को जन्मस्थान पर बने भव्य मंदिर में लौट रहे हैं। इसके बाद श्रीराम जन-मन के हृदय मंदिर में लौटेंगे। राम मंदिर आंदोलन राष्ट्रीय एकात्मता के लिए आंदोलन था और राम मंदिर एक और मंदिर या पर्यटन का केंद्र भर नहीं है अपितु, यह तो तीर्थाटन का स्तंभ है। श्रीराम की अयोध्या यानि त्याग, अयोध्या यानि लोकतंत्र, अयोध्या यानि मर्यादा है। उन्होंने कहा कि धर्म की पुनर्स्थापना के लिए संघर्ष सदैव से होता आया है, और यह कभी-कभी सृजन के लिए आवश्यक भी होता है। श्रीराम जन्मभूमि के लिए 72 बार संघर्ष हुआ, हर पीढ़ी ने लड़ाई लड़ी, किंतु कभी हार नहीं मानी। इस संघर्ष में हर भाषा, वर्ग, समुदाय व संप्रदाय के लोगों ने सहभागिता की। श्रीराम जन्मभूमि के इतिहास और संघर्ष की गाथा को अनेक लेखकों ने लिखा है। किंतु आंदोलन के विस्तृत इतिहास को तथ्यों व दस्तावेजों के साथ विस्तार से और लिखे जाने की आवश्यकता है। ऐसी पुस्तकें आने वाली पीढ़ी और वर्तमान पीढ़ी के लिए भी प्रेरणास्पद हैं।

अयोध्या सिर्फ एक शहर नहीं, एक विचार और भारत की सांस्कृतिक विरासत

विश्व हिंदू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि भगवान राम का काम हो रहा है, हमारा सौभाग्य यह नहीं है कि यह हमारे सामने हो रहा है बल्कि हमारा सौभाग्य यह है कि हम सब उसमें अपना-अपना योगदान दे रहे हैं। 22 जनवरी को 5 लाख से अधिक मंदिरों में संपन्न होने वाले कार्यक्रमों के लिए विहिप करोड़ों परिवारों को निमंत्रित कर रहा है। पुस्तक के लेखक एवं वरिष्ठ पत्रकार हेमंत शर्मा ने कहा कि दो माह से भी कम समय में पुस्तक लिखने की उनकी क्षमता नहीं थी, किंतु भगवान राम की प्रेरणा ने इसे लिखवा लिया। अयोध्या सिर्फ एक शहर नहीं, एक विचार और भारत की सांस्कृतिक विरासत है। अयोध्या हमारे लोकतंत्र की जननी तथा लोकमंगल व लोक कल्याण की प्रेरणास्थ

Advertisement
Advertisement
Next Article