9 महीने बाद फिर बढ़ा भारत का विदेशी मुद्रा भंडार, जानें कितनी हुई बढ़ोत्तरी?
भारत ने विदेशी मुद्रा भंडार (Forex Reserve) के मामले में एक अहम मुकाम फिर से हासिल कर लिया है. करीब 9 महीने बाद भारत का फॉरेक्स रिजर्व एक बार फिर 700 अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर गया है. हालांकि, देश का अब तक का सबसे ऊंचा फॉरेक्स रिजर्व 704.88 अरब डॉलर था, जिसे तोड़ने के लिए अभी 2 अरब डॉलर की और जरूरत है.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, 27 जून को खत्म हुए सप्ताह में भारत का फॉरेक्स रिजर्व 4.84 अरब डॉलर बढ़कर 702.78 अरब डॉलर हो गया. यह अक्टूबर 2024 के बाद पहली बार है जब रिजर्व इस स्तर पर पहुंचा है. इससे पहले, पिछले सप्ताह रिजर्व में 1.01 अरब डॉलर की गिरावट दर्ज की गई थी, जिसके बाद यह घटकर 697.93 अरब डॉलर रह गया था.
करेंसी असेट्स में भारी बढ़ोतरी
विदेशी मुद्रा भंडार में सबसे बड़ा योगदान फॉरेन करेंसी असेट्स का होता है. 27 जून को समाप्त सप्ताह में इसमें 5.75 अरब डॉलर की बढ़ोतरी देखी गई, जिससे इसका कुल आंकड़ा 594.82 अरब डॉलर तक पहुंच गया. इसमें डॉलर के अलावा यूरो, येन और पाउंड जैसी अन्य मुद्राओं का मूल्य परिवर्तन भी शामिल होता है.
सोने के भंडार में गिरावट
जहां करेंसी असेट्स में बढ़ोतरी हुई, वहीं देश के गोल्ड रिजर्व में गिरावट दर्ज की गई. एक सप्ताह में भारत का गोल्ड रिजर्व 1.23 अरब डॉलर घट गया और अब यह 84.5 अरब डॉलर रह गया है. इसके अलावा, विशेष आहरण अधिकार (SDR) 15.8 करोड़ डॉलर बढ़कर 18.83 अरब डॉलर और IMF के पास जमा भंडार 17.6 करोड़ डॉलर बढ़कर 4.62 अरब डॉलर हो गया है.
भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रिजर्व धारक
भारत अब दुनिया का चौथा सबसे बड़ा फॉरेक्स रिजर्व रखने वाला देश बन चुका है. भारत से आगे केवल चीन, जापान और स्विट्जरलैंड हैं. भारत का यह स्थान दुनिया में उसकी आर्थिक स्थिरता और निवेशकों के विश्वास को दर्शाता है.
पाकिस्तान का फॉरेक्स रिजर्व भी बढ़ा
भारत के साथ-साथ पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई है. स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के अनुसार, 30 जून 2025 तक पाकिस्तान का रिजर्व बढ़कर 14.51 अरब डॉलर हो गया है. जबकि पिछले साल यह 9.39 अरब डॉलर था. यानी एक साल में 5.12 अरब डॉलर की बढ़त हुई है.
चीन की मदद से पाकिस्तान को राहत
इस बीच, चीन ने पाकिस्तान को 3.4 अरब डॉलर की सहायता दी है. इसमें से 2.1 अरब डॉलर पुराने कर्ज को नवीनीकृत कर दिया गया है और 1.3 अरब डॉलर के कर्ज को फिर से जारी किया गया है. इसके अलावा मिडिल ईस्ट के बैंकों से 1 अरब डॉलर और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से 500 मिलियन डॉलर भी पाकिस्तान को प्राप्त हुए हैं.