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90 साल बाद लाइब्रेरी को किताब वापिस करने पर लगा इतना जुर्माना, जिसे जान रह जाएंगे हैरान

10:14 AM Oct 14, 2023 IST | Khushboo Sharma

अक्सर ऐसा होता है कि लोग लाइब्रेरी से किताबें लेने के बाद उनको सही समय पर वापिस करना भूल जाते है। हाल ही में ऐसे कई मामले सामने आए हैं। कुछ महीनों पहले, ब्रिटेन में एक शख्स के पोते ने 84 सालों के बाद अपने दादा की ली हुई किताब को लाइब्रेरी में वापस किया और इसके लिए जुर्माना भी भुगतान किया।

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अमेरिका में एक व्यक्ति ने 119 साल पहले लाइब्रेरी से ली हुई बुक को वापिस किया था। अब एक और मामला सामने आया है। 90 साल बाद न्यूयॉर्क में एक व्यक्ति ने किताब को लाइब्रेरी में लौटाया, लेकिन उस पर जो दंड लगाया गया वो आपको हैरान कर देगा।

90 साल पुरानी है ये बुक

एक रिपोर्ट के अनुसार, 1933 में शहर की लार्चमोंट पब्लिक लाइब्रेरी ( Larchmont Public Library) से जोसेफ कॉनराड की किताब "यूथ एंड टू अदर स्टोरीज़" एक शख्स ने ली थी। जो उनकी बेटी जोनी मॉर्गन ने हाल ही में लाइब्रेरी को लौटा दी है। लाइब्रेरियन कैरोलिन कनिंघम ने बताया कि जिस व्यक्ति ने किताब लाइब्रेरी से ली थी, उस समय पास वह में ही रहता था। हमारे लिए हैरानी वाली बात ये है कि इतनी पुरानी संपत्ति लाइब्रेरी को वापस मिल गई। लाइब्रेरी ने मॉर्गन से सिर्फ पांच डॉलर का शुल्क वसूला, जो लोगों को हैरान कर रहा है।

लाइब्रेरियन को नहीं हुआ विश्वास

कनिंघम ने बताया कि जोनी मॉर्गन ने कुछ दिनों पहले हमसे कांटेक्ट किया था। मैं चौंक गई जब उन्होनें बताया कि उनके पास लाइब्रेरी की एक इतनी पुरानी किताब है। मुझे इस पर विश्वास ही नहीं हुआ। मैंने पूछा कि आप सही लाइब्रेरी में फोन कर रहे हैं या नहीं। क्योंकि वर्जीनिया से बहुत सारे फोन हमारे पास आते रहते है। उसने फिर पूरी कहानी बताई। बताया कि उनके सौतेले पिता जिम्मी एलिस ने यह किताब लाइब्रेरी से ली थी। उस समय वह लाइब्रेरी के पास एक गांव में अपनी पहली पत्नी और दो बच्चों के साथ रहा करते थे। लेकिन 1978 में जिम्‍मी मर गया। तब से यह किताब वहां रखी हुई थी।

लिखने और पढ़ने के थे शौक़ीन

मार्गन ने बताया कि एक दिन वह घर में सफाई कर रही थीं और इसी दौरान किताब पर उसकी नजर पड़ी। किताब पर लार्चमोंट लाइब्रेरी का टैग उसने देखा। उन्हें फिर धीरे-धीरे बात समझ आने लगी कि उनके पिता का घर इसी लाइब्रेरी से सिर्फ 2 ब्लॉक की दूरी पर मौजूद था। वह एक लेखक थे और पढ़ने का भी शौक रखते थे। इसलिए वह किताबें लाया करता था और अपने बच्चों को इन्हें दिया करते थे। लाइब्रेरियन ने कहा कि यह बिल्कुल हैरानी की बात है।

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