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91 साल बाद फिर शुरू हुआ 'दांडी मार्च', PM मोदी ने यात्रा को दिखाई हरी झंडी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को साबरमती आश्रम से नवसारी जिले के दांडी गांव तक पैदल मार्च को हरी झंडी दिखाई, जिससे 1930 में महात्मा गांधी के नेतृत्व में निकले दांडी मार्च या नमक मार्च का इतिहास फिर से जीवंत हो गया।

11:49 PM Mar 12, 2021 IST | Shera Rajput

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को साबरमती आश्रम से नवसारी जिले के दांडी गांव तक पैदल मार्च को हरी झंडी दिखाई, जिससे 1930 में महात्मा गांधी के नेतृत्व में निकले दांडी मार्च या नमक मार्च का इतिहास फिर से जीवंत हो गया।

91 साल बाद फिर शुरू हुआ  दांडी मार्च   pm मोदी ने यात्रा को दिखाई हरी झंडी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को साबरमती आश्रम से नवसारी जिले के दांडी गांव तक पैदल मार्च को हरी झंडी दिखाई, जिससे 1930 में महात्मा गांधी के नेतृत्व में निकले दांडी मार्च या नमक मार्च का इतिहास फिर से जीवंत हो गया। 
यह मार्च ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ का हिस्सा है। प्रधानमंत्री ने भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ को समर्पित ‘‘आजादी का अमृत महोत्सव’’ समारोह की शुक्रवार को शुरुआत की। 
75वीं वर्षगांठ का समारोह 15 अगस्त 2023 तक चलेगा। 
अहमदाबाद के साबरमती आश्रम से 81 लोगों ने पदयात्रा शुरू की। वे 386 किमी दूर नवसारी के दांडी तक जाएंगे। 25 दिन की इस पदयात्रा का समापन पांच अप्रैल को होगा। 
महात्मा गांधी के नेतृत्व में ‘नमक सत्याग्रह’ की घोषणा करते हुए 78 लोगों ने 12 मार्च 1930 से दांडी यात्रा शुरू की थी। नमक पर अंग्रेजों के दमनकारी ‘कर’ के खिलाफ यह राष्ट्रपिता का अहिंसक विरोध था जिसकी भारत की आजादी के आंदोलन में अहम भूमिका रही। 
केंद्रीय संस्कृति मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि मार्च पांच अप्रैल को दांडी पहुंचेगा। 
पूरे दिन चलने के बाद, यात्रा पर निकले लोगों ने शुक्रवार रात अहमदाबाद के बाहरी इलाके में स्थित असलाली गांव में पड़ाव डाला। 
उन्हीं में से एक हैं मध्य प्रदेश के रहने वाले डॉ. अनंत दुबे, जिनके दादा 1930 में दांडी यात्रा में गांधी के साथ चले थे। 
दुबे ने कहा, ‘मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि आज उसी रास्ते पर चल रहा हूं। प्रधानमंत्री मोदी ने आत्मनिर्भर भारत और वोकल फॉर लोकल के नारे दिए। गांधी इन्हीं सिद्धांतों में विश्वास करते थे।’ 
21 स्थानों पर मार्च के पड़ाव होंगे, जहां स्वच्छता, पर्यावरण, सुरक्षा और जल संरक्षण के क्षेत्रों में हो रहे सामाजिक-आर्थिक परिवर्तनों पर प्रकाश डालने वाले विविध कार्यक्रमों के आयोजन होंगे। 
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Shera Rajput

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