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आखिर कौन हैं अमेठी से चुनाव लड़ने वाले किशोरी लाल शर्मा? कांग्रेस ने क्यों जताया भरोसा

03:29 PM May 03, 2024 IST | Yogita Tyagi

लोकसभा चुनाव का उत्साह जोरों पर है इसी बीच आज पांचवें चरण के नामांकन भरने का आखिरी दिन है। कांग्रेस ने बहुत सोचने-समझने के बाद यह फैसला लिया है कि, अमेठी सीट से किशोरी लाल शर्मा चुनाव लड़ेंगे। किशोरी लाल शर्मा का यह पहली बार होगा जब वह चुनावी मैदान में उतरेंगे। किशोरी लाल शर्मा अभी तक रायबरेली सांसद प्रतिनिधि बनकर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर रहे थे। किशोरी लाल शर्मा सोनिया गांधी के करीबी माने जाते हैं। इनका जन्म पंजाब में स्थित लुधियाना में हुआ था। साल 1983 में किशोरी लाल शर्मा राजीव गांधी के साथ रायबरेली और अमेठी से जुड़े थे। कुछ सालों बाद साल 1991 राजीव गांधी का निधन हो जाने के पश्चात उनका गांधी परिवार में रोज का आना जाना हो गया था जिससे गांधी परिवार के साथ उनका रिश्ता मज़बूत होता गया। राजीव गांधी के निधन के बाद उनके ऊपर कई तरह की जिम्मेदारियां आ गईं। उन्होंने शीला कौल के लिए भी काम किया और जब सोनिया गांधी ने पूरी तरह राजनीति में अपना हाथ डाला और अमेठी सीट से वह खड़ी हुईं तो उनके साथ किशोरी लाल शर्मा अमेठी भी गए थे। सोनिया गांधी के यह ऐलान करने के बाद कि, वह अमेठी सीट से नहीं लड़ेंगी और रायबरेली जा पहुंची तब किशोरी लाल शर्मा ने दोनों ही सीटों को संभाला था।

 KL शर्मा ने नहीं छोड़ा कांग्रेस का हाथ

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किशोरी लाल शर्मा ने हमेशा कांग्रेस का हाथ थामे रखा और पूरी निष्ठा और श्रद्धा के साथ रायबरेली और अमेठी की पूर्ण जिम्मेदारी अपने ऊपर लेकर उसका काम देखने लगे। कांग्रेस के अच्छे या बुरे समय में भी KL शर्मा ने साथ नहीं छोड़ा। कांग्रेस के कई कार्यकर्ता या नेता पार्टी छोड़ दूसरी विपक्षी पार्टियों में शामिल हुए हैं। लेकिन KL शर्मा ने ऐसा नहीं किया है उन्होंने गांधी परिवार पर अपना विश्ववास पूरी तरह बना कर रखा हुआ है। रायबरेली और अमेठी सीट पर सक्रिय रहे केएल शर्मा कांग्रेस की ओर से बिहार के प्रभारी और पंजाब कमेटी के सदस्य भी रह चुके हैं साथ ही वह आईसीसी के मेंबर भी रह चुके हैं। राजनीति के बारे में वह अच्छी पकड़ रखते हैं क्योकि शुरू से कांग्रेस ने उनके हाथों में चुनावी बागडोर दे रखी है। किशोरी लाल शर्मा गांधी परिवार के सबसे नजदीकी स्थानीय कार्यकर्ताओं में से एक हैं। वो खत्री ब्राह्मण हैं, लुधियाना की उनकी पैदाइश है। राजीव गांधी के करीबी थे, उन्हीं के साथ पहली बार अमेठी आए और तब से यहीं के होकर रह गए। जब भी गांधी परिवार इन दो सीटों पर चुनाव नहीं लड़ा, तब भी केएल शर्मा यहां जमे रहे और स्थानीय लोगों से घुलते मिलते रहे। सोनिया गांधी के सांसद बनने के बाद से लेकर अब तक अमेठी और रायबरेली सीटों पर जमीनी काम करने और कराने का सारा जिम्मा के एल शर्मा ही उठा रहे थे। जो लोग इस इलाके से आते हैं, वो केएल शर्मा के नाम को जानते होंगे। वो मृदु भाषी, सरल व्यक्तित्व, कुशल मैनेजर और मीडिया की चकाचौंध से दूर रहते हैं।

चुनाव प्रचार में गांधी परिवार देगा साथ

पार्टी के स्थानीय कार्यकर्ताओं में खुशी होगी कि किसी बाहरी को यहां से नहीं थोपा गया है। कार्यकर्ता अपनों के बीच से ही कांग्रेसी प्रत्याशी चाहते थे। इंटरनल सर्वे में ये बात निकल कर आई थी। जातीय समीकरण में भी किशोरी लाल फिट बैठते हैं। अमेठी में दलित (26 फीसदी), मुस्लिम (20 फीसदी) और ब्राह्मण (18 फीसदी) का दबदबा है। कांग्रेस को लगता है कि जातीय समीकरणों के हिसाब से के एल शर्मा को फायदा हो सकता है। गांधी परिवार ने भरोसा दिया है कि वो प्रचार के काम में किशोरी लाल शर्मा के साथ भरपूर साथ देंगे। करीब 55 हजार वोटों से राहुल गांधी 2019 में स्मृति ईरानी से हारे थे। इन पांच सालों में केन्द्रीय मंत्री बनने के बाद स्मृति ईरानी ने यहां पर काम करवाए और स्थानीय लोगों का भरोसा जीतने का काम भी किया। अब तो उन्होंने अपना घर भी वहां बनवा लिया है। वो लगातार यहां से संपर्क बनाकर रखी हुई हैं। आती-जाती रहीं, जबकि राहुल गांधी इक्का-दुक्का ही हारने के बाद अमेठी आए। अमेठी भी अब हॉट सीट बन गई है। गांधी परिवार भले ही सीधा चुनाव न लड़ रहा हो, पर मुकाबला गांधी परिवार के ही नुमाइंदे से है, जो गांधी परिवार की पसंद से पहली बार चुनावी मैदान में उतरा है।

कांग्रेस ने छोटे कार्यकर्ता को बड़ी जिम्मेदारी दी- किशोरी लाल शर्मा

कांग्रेस ने किशोरी लाल शर्मा को अमेठी लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतारा है। यहां उनका मुकाबला भाजपा की स्मृति ईरानी से होगा। शर्मा ने अमेठी से उम्मीदवार बनाए जाने पर पहली प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इसके लिए कांग्रेस का आभार जताया है। किशोरी लाल शर्मा ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा, मैं कांग्रेस पार्टी का आभारी हूं जिसने इतने छोटे कार्यकर्ता को इतनी बड़ी जिम्मेदारी के काबिल समझा। मैं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा का तहे दिल से आभारी रहूंगा। मैंने 40 साल इस क्षेत्र की सेवा की है और आज भी कर रहा हूं। मेरे लिए खुशी की बात है कि छोटे से कार्यकर्ता को बड़ी इतनी बड़ी जिम्मेदारी दी, मैं उनका बहुत आभारी हूं। उन्होंने कहा कि भारी मतों से चुनाव जीत कर हम अमेठी सीट को कांग्रेस की झोली में डालेंगे। बता दें कि किशोरी लाल शर्मा गांधी परिवार के बेहद करीबी माने जाते हैं। इसी कारण उन्हें सोनिया गांधी का प्रतिनिधि भी बनाया गया था। इस परिवार से उनका बहुत पुराना नाता रहा है। किशोरी लाल शर्मा पंजाब के लुधियाना से ताल्लुक रखते हैं। 1983 के आसपास राजीव गांधी उन्हें पहली बार अमेठी लेकर आए थे। तब से वह यहीं के होकर रह गए।

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