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नाम पूछे जाने के बाद भीड़ द्वारा पीटे गए चूड़ी विक्रेता ने फर्जी पहचान पत्र बनवाने से किया इनकार

मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में फेरी लगाकर चूड़ियां बेचने के दौरान भीड़ द्वारा पीटे गए 25 वर्षीय व्यक्ति ने सोमवार को इस बात से इनकार किया कि उसने गलत नाम से फर्जी पहचान पत्र बनवा रखा है।

07:15 PM Aug 23, 2021 IST | Ujjwal Jain

मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में फेरी लगाकर चूड़ियां बेचने के दौरान भीड़ द्वारा पीटे गए 25 वर्षीय व्यक्ति ने सोमवार को इस बात से इनकार किया कि उसने गलत नाम से फर्जी पहचान पत्र बनवा रखा है।

मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में फेरी लगाकर चूड़ियां बेचने के दौरान भीड़ द्वारा पीटे गए 25 वर्षीय व्यक्ति ने सोमवार को इस बात से इनकार किया कि उसने गलत नाम से फर्जी पहचान पत्र बनवा रखा है। 
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प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता अमीनुल खान सूरी ने मूलतः उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के रहने वाले चूड़ी विक्रेता तस्लीम अली (25) का 44 सेकंड का वीडियो ट्विटर पर जारी किया। इस वीडियो में चूड़ी विक्रेता ने कहा, “मेरे गांव में बरसों पहले बने एक पहचान पत्र में मेरा बोल-चाल का नाम भूरा लिख दिया गया था, जबकि बाद में बनाए गए आधार कार्ड में मेरा नाम तसलीम अली लिखा गया। इनमें से कोई भी पहचान पत्र फर्जी नहीं है और ये दोनों असली हैं।”
अली की पिटाई के मामले के तूल पकड़ने के बीच राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि सावन के पवित्र माह में इस शख्स द्वारा खुद को हिंदू बताकर महिलाओं को चूड़ियां बेचने से विवाद की शुरुआत हुई, जबकि वह अन्य समुदाय से ताल्लुक रखता है। मिश्रा ने भोपाल में संवाददाताओं से कहा, “गृह विभाग की रिपोर्ट है कि इंदौर में चूड़ी बेच रहे व्यक्ति (तस्लीम अली) ने स्वयं का हिंदू नाम रखा हुआ था, जबकि वह दूसरे समुदाय का है। उसके पास से इस तरह के दो (संदिग्ध) आधार कार्ड भी मिले हैं।”
गृह मंत्री के मुताबिक अली द्वारा सावन के पवित्र माह में अपना नाम कथित तौर पर बदलकर महिलाओं को चूड़ी बेचने को लेकर विवाद शुरू हुआ था और इस झगड़े से जुड़े दोनों पक्षों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई है। इस बीच, पुलिस अधीक्षक आशुतोष बागरी ने बताया कि इंदौर के गोविंद नगर में चूड़ियां बेच रहे अली को रविवार दोपहर भीड़ द्वारा पीटे जाने के मामले में दो लोगों-राजेश पवार और राजकुमार भटनागर को हिरासत में लिया गया है। उन्होंने बताया कि भीड़ में शामिल विवेक व्यास तथा अन्य लोगों की तलाश की जा रही है। 
इंदौर के जिलाधिकारी मनीष सिंह ने बताया कि चूड़ी विक्रेता के पक्ष में सेंट्रल कोतवाली क्षेत्र में रविवार देर रात बड़ी तादाद में जुटे प्रदर्शनकारियों के भारी हंगामा कर माहौल बिगाड़ने के पीछे सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के कुछ नेताओं का हाथ होने के बारे में पता चला है और इन लोगों की पहचान भी हो गई है। 
घटना के वायरल वीडियो में भीड़ में शामिल लोग चूड़ी विक्रेता को पीटते दिखाई दे रहे हैं, जबकि वह उनसे छोड़ देने का आग्रह कर रहा है। घटना के दूसरे वीडियो में चूड़ी विक्रेता को पीट रहा एक व्यक्ति उस पर महिलाओं से छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए मौके पर मौजूद अन्य लोगों को उसकी पिटाई के लिए उकसा रहा है। वीडियो में यह व्यक्ति गाली-गलौज करने के साथ चूड़ी विक्रेता को धमकाते हुए कहता सुनाई पड़ रहा है कि वह (चूड़ी विक्रेता) गोविंद नगर में आइंदा दिखाई नहीं देना चाहिए। 
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि चूड़ी विक्रेता ने रविवार देर रात सेंट्रल कोतवाली थाने में शिकायत दर्ज कराई कि गोविंद नगर में भीड़ में शामिल पांच-छह लोगों ने उसका नाम पूछा और जब उसने अपना नाम बताया, तो उन्होंने उसे पीटना शुरू कर दिया। उन्होंने बताया कि चूड़ी विक्रेता ने अपनी शिकायत में यह आरोप भी लगाया कि लोगों ने उसके लिए सांप्रदायिक तौर पर आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया और उससे 10,000 रुपये की नकदी, मोबाइल फोन, आधार कार्ड और अन्य दस्तावेजों के साथ ही करीब 25,000 रुपये मूल्य की चूड़ियां छीन लीं। 
अधिकारी ने बताया कि चूड़ी विक्रेता की शिकायत पर पुलिस ने भारतीय दंड विधान की धारा 153-ए (सांप्रदायिक सौहार्द्र पर विपरीत असर डालने वाला कार्य), धारा 298 (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से जान-बूझकर कहे गए शब्द), धारा 395 (डकैती) और अन्य संबद्ध धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। उन्होंने बताया कि चूड़ी विक्रेता को पीटने वाले लोगों की तलाश की जा रही है। 
पुलिस अधिकारी ने यह भी बताया कि चूड़ी विक्रेता को साथ लेकर रविवार देर रात बड़ी संख्या में लोग सेंट्रल कोतवाली थाने पहुंचे और कथित तौर पर अनर्गल नारेबाजी करते हुए शांति व्यवस्था भंग करने का प्रयास किया। उन्होंने बताया, “इन लोगों के खिलाफ बलवा, जबरन आम रास्ता रोकना और अन्य संबद्ध आरोपों में अलग प्राथमिकी दर्ज की गई है।”
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