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कोविड-19 के बाद अब गिलियन-बैरे सिंड्रोम का कहर, 11 की मौत, 193 मरीजों की पुष्टि, ऐसे करें बचाव

महाराष्ट्र में गिलियन-बैरे सिंड्रोम (GBS) के मामलों में तेजी से वृद्धि देखी जा…

09:53 AM Mar 04, 2025 IST | Shera Rajput

महाराष्ट्र में गिलियन-बैरे सिंड्रोम (GBS) के मामलों में तेजी से वृद्धि देखी जा…

महाराष्ट्र में गिलियन-बैरे सिंड्रोम (GBS) के मामलों में तेजी से वृद्धि देखी जा रही है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने मंगलवार को जानकारी दी कि अब तक 193 मरीजों में इस बीमारी की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 29 संदिग्ध मामले दर्ज किए गए हैं।

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, इस गंभीर न्यूरोलॉजिकल बीमारी के कारण अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से 6 मौतों की पुष्टि GBS से हुई है, जबकि 5 मौतें संदिग्ध GBS मामलों के रूप में दर्ज की गई हैं।

पुणे और आसपास के इलाकों में सबसे ज्यादा मामले

GBS से प्रभावित मरीजों की सबसे अधिक संख्या पुणे और उसके आसपास के इलाकों में पाई गई है : –

– पुणे महानगरपालिका क्षेत्र (PMC) – 95 मरीज

– पुणे नगर निगम क्षेत्र – 44 मरीज

– पिंपरी चिंचवड नगर निगम (PCMC) – 33 मरीज

– पुणे ग्रामीण क्षेत्र – 36 मरीज

– अन्य जिलों से – 14 मरीज

173 मरीज हुए ठीक, 13 वेंटिलेटर पर

अधिकारियों के अनुसार, अब तक 173 मरीजों को उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है। हालांकि, 29 मरीजों की स्थिति गंभीर बनी हुई है, जिनमें से 13 को वेंटिलेटर पर रखा गया है।

केंद्र सरकार ने भेजी विशेषज्ञों की टीम

GBS के बढ़ते मामलों को देखते हुए 27 जनवरी को केंद्र सरकार ने सात सदस्यीय विशेषज्ञ टीम महाराष्ट्र भेजी। यह टीम राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों को इस बीमारी के प्रबंधन और सार्वजनिक स्वास्थ्य हस्तक्षेप में सहायता कर रही है।

बता दे कि केंद्र की उच्च स्तरीय टीम में बहु-विषयक विशेषज्ञ शामिल थे। इसका उद्देश्य जीबीएस के संदिग्ध और पुष्ट मामलों में वृद्धि को देखते हुए सार्वजनिक स्वास्थ्य हस्तक्षेप और प्रबंधन स्थापित करने में राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों का समर्थन करना है।

GBS से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग की सलाह

महाराष्ट्र के स्वास्थ्य विभाग ने GBS के खतरे को कम करने के लिए कुछ सावधानियां बरतने की सलाह दी है, जिनमें शामिल हैं : –

– साफ और उबला हुआ पानी पीना

– खाने से पहले फलों और सब्जियों को अच्छी तरह धोना

– चिकन और मांस को अच्छी तरह से पकाकर खाना

– कच्चे या अधपके भोजन (सलाद, अंडा, कबाब, समुद्री भोजन) से बचना

स्वास्थ्य विभाग और विशेषज्ञों की सिफारिशों के अनुसार, सतर्कता बरतने से GBS के प्रसार को कुछ हद तक रोका जा सकता है।

गिलियन-बैरे सिंड्रोम (GBS) के लक्षण

गिलियन-बैरे सिंड्रोम (GBS) के शुरुआती लक्षणों को पहचानना समय पर चिकित्सा देखभाल पाने में बहुत बड़ा अंतर ला सकता है। बता दे कि लक्षण अक्सर हल्के से शुरू होते हैं लेकिन जल्दी ही गंभीर हो सकते हैं।

गिलियन-बैरे सिंड्रोम के सामान्य लक्षणों में शामिल हैं : –

– हाथों और पैरों में झुनझुनी महसूस होना।

– चलने, सीढ़ियाँ चढ़ने या रोजमर्रा के काम करने में कठिनाई होना।

– पैरों में कमज़ोरी, जो ऊपरी शरीर तक फैल सकती है।

– गंभीर मामलों में सांस लेने में परेशानी।

– चेहरे की कमजोरी, जिससे मुस्कुराना या चबाना कठिन हो जाता है।

यदि आपको गिलियन-बैरे सिंड्रोम (GBS) के ये लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत किसी स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर से परामर्श लें, खासकर यदि वे किसी संक्रमण या बीमारी के बाद दिखाई दें।

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