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कर्पूरी ठाकुर के बाद BSP के इस नेता को भी मिले भारत रत्न, Lalu ने मिलाया Mayawati के सुर में सुर

12:27 AM Jan 25, 2024 IST | Shera Rajput

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने बसपा संस्थापक कांशीराम को भी सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्‍न देने की मांग की है। उन्होंने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्‍न सम्मान दिए जाने के केंद्र सरकार के निर्णय का स्वागत किया है।
कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्‍न की उपाधि से सम्मानित करने के केंद्र सरकार के निर्णय का मायावती ने किया स्वागत  
बुधवार को सोशल मीडिया मंच एक्स पर मायावती ने लिखा कि बिहार के 2 बार मुख्यमंत्री रहे देश के ऐसे महान व्यक्तित्व कर्पूरी ठाकुर को देर से ही सही अब भारत रत्‍न की उपाधि से सम्मानित करने के केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत करते हैं।'
उन्होंने सर्वोच्च नागरकि सम्मान के लिए कर्पूरी ठाकुर के परिवार व सभी अनुयाइयों को बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने आगे लिखा कि देश में खासकर अति-पिछड़ों को उनके संवैधानिक हक के लिए आजीवन कड़ा संघर्ष करके उन्हें सामाजिक न्याय एवं समानता का जीवन दिलाने वाले जननायक श्री कर्पूरी ठाकुर जी को आज उनकी 100 वीं जयंती पर अपार श्रद्धा-सुमन अर्पित।'
मायावती ने कांशीराम को भी भारत रत्‍न से सम्मानित करने की मांग की
मायावती ने बसपा संस्थापक कांशीराम को भी भारत रत्‍न से सम्मानित करने की मांग करते हुए एक और पोस्ट में लिखा, इसी प्रकार दलितों एवं अन्य उपेक्षितों को आत्म-सम्मान के साथ जीने एवं उन्हें अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए बसपा के संस्थापक मान्यवर श्री कांशीराम जी का योगदान ऐतिहासिक एवं अविस्मरणीय है, जिन्हें करोड़ों लोगों की चाहत अनुसार भारत रत्‍न की उपाधि से सम्मानित करना जरूरी है।
डॉ. राम मनोहर लोहिया और कांशीराम को भी भारतरत्‍न मिलना चाहिए - लालू प्रसाद
राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने बुधवार को कहा कि हम सभी इस बात के लिए संकल्पित हैं कि समाज के शोषित, वंचित, पिछड़े, अति पिछड़े और अल्पसंख्यक वर्ग को उसका हक दिलाएंगे, इसे रोकने के लिए कोई कितना भी साजिश कर ले, लेकिन हम मिलकर मुकाबला करेंगे।
लालू ने कहा कि जननायक कर्पूरी ठाकुर का जो योगदान था, उसे देखते हुए उन्हें भारतरत्‍न मिलना ही चाहिए था और इसके लिए हम लोगों ने हमेशा संघर्ष किया और आवाज बुलंद की, यह बात किसी से छिपी नहीं है।
उन्‍होंने केंद्र सरकार से मांग करते हुए कहा कि जिस तरह जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारतरत्‍न दिया गया, उसी तरह डॉ. राम मनोहर लोहिया और कांशीराम को भी भारतरत्‍न मिलना चाहिए। इन दोनों के योगदान से भारत में समाजवादी विचारधारा को मजबूती मिली। दोनों बड़े नेताओं ने अति पिछड़ा और दलित समाज को हर स्तर पर ऊंचा उठाया। इन नेताओं के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता।

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