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नेवी और IAF चीफ के बाद डिफेंस सेक्रेटरी की PM Modi से मुलाकात, पाकिस्तान पर होगी बड़ी कार्रवाई?

रक्षा सचिव की बैठक के बाद पाकिस्तान पर सख्त कदम की तैयारी

09:20 AM May 05, 2025 IST | Neha Singh

रक्षा सचिव की बैठक के बाद पाकिस्तान पर सख्त कदम की तैयारी

जम्मू-कश्मीर के आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह से मुलाकात की। इस बैठक में पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की योजना बनने की संभावना है। लगातार हो रही बैठकों से साफ है कि सरकार इस संकट को गंभीरता से ले रही है।

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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम इलाके में हुए भीषण आतंकी हमले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। इस हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई, जिससे पूरे देश में गुस्से और गम की लहर है। घटना के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच पहले से ही तनावपूर्ण रिश्ते और भी तल्ख हो गए हैं। हमले की गंभीरता को देखते हुए देश की शीर्ष सुरक्षा एजेंसियां और सैन्य नेतृत्व लगातार सक्रिय हो गया है। रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने इसी संदर्भ में आज प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की। यह बैठक प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास 7 लोक कल्याण मार्ग पर हुई है। बैठक के बाद माना जा रहा है कि इसमें पाकिस्तान के खिलाफ एक्शन का प्लान तैयार किया गया हो।

एयर चीफ मार्शल पहले ही कर चुके हैं बैठक

यह बैठक ऐसे समय में हुई है, जब इससे ठीक एक दिन पहले भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने भी प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी। उन्होंने वायुसेना की तैयारियों और सीमाओं पर हालात की जानकारी दी थी। प्रधानमंत्री के साथ शीर्ष रक्षा अधिकारियों की लगातार हो रही बैठक से पता चलता है कि सरकार इस संकट को बेहद गंभीरता से ले रही है और हर स्तर पर जवाब देने की तैयारी कर रही है।

सेना, नौसेना और वायुसेना प्रमुखों ने प्रधानमंत्री से की बात

पिछले कुछ दिनों में प्रधानमंत्री मोदी देश की तीनों सेनाओं के प्रमुखों से मुलाकात कर चुके हैं। हाल ही में उन्होंने नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी से मुलाकात की थी। इससे पहले वे सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी से भी मिल चुके हैं। इन बैठकों का उद्देश्य सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करना तथा आतंकी गतिविधियों पर कड़ा प्रहार करने की रणनीति तैयार करना है।

विशेषज्ञों के अनुसार प्रधानमंत्री की इन बैठकों में आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई तथा पाकिस्तान के साथ कूटनीतिक संबंधों को लेकर आगे की रणनीति पर गहन चर्चा होती है। भारत की ओर से यह भी संकेत दिया गया है कि आतंकी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा तथा जरूरत पड़ने पर सख्त कदम उठाए जाएंगे।

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