ऑपरेशन सिंदूर के बाद 1 जुलाई को आमने-सामने होंगे भारत- पाकिस्तान, जानें अब क्या है अगला प्लान?
ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत-पाकिस्तान की पहली आधिकारिक बातचीत
ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में तनाव के बावजूद, 1 जुलाई को दोनों देश आधिकारिक वार्ता करेंगे। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य जेलों में बंद नागरिकों की रिहाई और बंदियों की सूची साझा करना है। यह वार्ता 2008 के समझौते के तहत होगी और इसे विभिन्न मानवीय मुद्दों के समाधान की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
India-Pakistan News: ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत और पाकिस्तान आधिकारिक तौर पर सामने होंगे. दोनों देशों के बीच एक आधिकारिक संवाद 1 जुलाई 2025 को होना है. इस बैठक में दोनों देशों के जेलों में बंद आम नागरिकों और मछुआरों की रिहाई को लेकर चर्चा की जाएगी. इसके साथ ही दोनों पक्ष अपने-अपने बंदियों की सूची एक-दूसरे को सौंपेंगे.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यह बातचीत 2008 के काउंसलर एक्सेस एग्रीमेंट के तहत की जा रही है. इस समझौते के अनुसार, भारत और पाकिस्तान समय-समय पर अपने जेलों में बंद एक-दूसरे के नागरिकों की जानकारी साझा करते हैं ताकि उन कैदियों को कानूनी सहायता दी जा सके.
पाकिस्तान की जेलों में बंद भारतीय नागरिक
14 मई 2025 तक मिले आंकड़ों के अनुसार, पाकिस्तान की जेलों में कुल 242 भारतीय बंद हैं. इनमें से 193 मछुआरे हैं, जबकि 49 आम नागरिक हैं. इन भारतीयों को अधिकतर समुद्री सीमा का उल्लंघन करने के आरोप में पकड़ा गया है.
भारत की जेलों में बंद पाकिस्तानी नागरिक
वहीं भारत की जेलों में 458 पाकिस्तानी नागरिक कैद हैं. इनमें से केवल 81 पाकिस्तानी मछुआरे हैं, जबकि 377 आम नागरिक बंद हैं. यह संख्या पाकिस्तान की तुलना में अधिक है.
ऑपरेशन सिंदूर के बाद बिगड़े रिश्ते
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के रिश्ते बेहद तनावपूर्ण हो गए थे. इस हमले के जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया, जिसमें पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) और पाकिस्तान के अंदर मौजूद आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया गया.
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सीजफायर की पाकिस्तान ने की मांग
भारत की सैन्य कार्रवाई में पाकिस्तान को भारी नुकसान उठाना पड़ा, जिसके बाद उसने सीजफायर की मांग की. अब तक दोनों देशों के बीच दो बार डीजीएमओ स्तर की बातचीत हो चुकी है. हालांकि, भारत आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाए हुए है और द्विपक्षीय संबंध ठप हैं.
जुलाई की बैठक से उम्मीदें
इन हालातों में 1 जुलाई को होने वाली बैठक को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. यह वार्ता दोनों देशों के बीच भविष्य के संभावित सहयोग की दिशा में पहला कदम हो सकती है, विशेषकर जेलों में बंद आम लोगों की रिहाई और मानवीय मुद्दों के संदर्भ में.