Lords टेस्ट में हार के बाद Irfan Pathan का तीखा वार बोले, "वर्कलोड नहीं, जीत मायने रखती है"
लॉर्ड्स टेस्ट मैच में इंग्लैंड से मिली 22 रनों की हार ने टीम इंडिया को न सिर्फ सीरीज में पीछे कर दिया, बल्कि वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप 2025-27 की रेस में भी नुकसान पहुंचाया। पांच मैचों की इस रोमांचक सीरीज में अब इंग्लैंड 2-1 से आगे हो गया है, और भारत चौथे स्थान पर खिसक गया है। इस हार के बाद भारतीय क्रिकेट को लेकर कई सवाल उठने लगे हैं, जिनमें सबसे मुखर आवाज टीम इंडिया के पूर्व ऑलराउंडर इरफान पठान की रही है। इरफान पठान ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा कि जसप्रीत बुमराह जैसे गेंदबाज से टीम ने पूरे मैच में वो योगदान नहीं लिया, जो लिया जा सकता था। बुमराह ने भले ही मैच में 7 विकेट चटकाए, लेकिन उनके गेंदबाजी स्पेल को लेकर पठान संतुष्ट नहीं दिखे। उन्होंने कहा, "बुमराह सिर्फ पांच ओवर डालते हैं और फिर इंतजार करते हैं कि जो रूट आएं, तब गेंदबाजी करेंगे। जब आप मैदान पर होते हैं, तो वर्कलोड नहीं बल्कि जीत मायने रखती है।"
पठान ने यह भी कहा कि बुमराह ने पिछला टेस्ट यानी एजबेस्टन मैच नहीं खेला था, ऐसे में उनका वर्कलोड कम था और लॉर्ड्स टेस्ट में उन्हें ज्यादा गेंदबाजी करनी चाहिए थी। इरफान पठान ने इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि स्टोक्स ने पांचवें दिन लगातार 9.2 ओवर का स्पेल फेंका, वो न सिर्फ गेंदबाजी कर रहे थे, बल्कि बैटिंग भी कर रहे थे और फील्डिंग में भी पूरी जान झोंक दी।
"बेन स्टोक्स कई सर्जरी से गुज़र चुके हैं, फिर भी वो हर मैच में गेंदबाजी कर रहे हैं। उन्होंने ऋषभ पंत को रन आउट भी किया और मैदान पर हर मोर्चे पर मौजूद रहे। लेकिन उनके वर्कलोड की कोई चर्चा नहीं होती," पठान ने जोड़ा।
इरफान पठान ने इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जोफ्रा आर्चर की भी तारीफ की, जिन्होंने करीब चार साल बाद टेस्ट क्रिकेट में वापसी की और लॉर्ड्स टेस्ट में 5 विकेट चटकाए। उन्होंने कहा, "जोफ्रा ने करीब 40 ओवर गेंदबाजी की और वो रुके नहीं। उन्होंने अपनी फिटनेस और कमिटमेंट से बता दिया कि जब देश के लिए खेलना हो, तो दर्द और थकान को पीछे छोड़ना होता है।"इरफान पठान के बयानों से साफ है कि वो मौजूदा भारतीय टीम में 'वर्कलोड मैनेजमेंट' के तरीके से संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने कहा, "जब बेन स्टोक्स 9 ओवर फेंक सकते हैं, तो हम क्यों नहीं? ये टेस्ट क्रिकेट है, यहां जीत के लिए अपनी सीमा से आगे जाना पड़ता है।"