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हरिमंदिर साहिब में पंजाब पुलिस की दखलंदाजी के बाद बुरी तरह घिरी शिरोमणि कमेटी

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11:06 AM Oct 23, 2017 IST | Desk Team

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लुधियाना-अमृतसर: ‘बंदीछोड़ दिवस’ दो दिन पहले गुजर चुका है लेकिन उस दौरान श्री दरबार साहिब स्थित परिसर में पंजाब पुलिस की सादी वर्दी में तैनाती और शिरोमणि कमेटी के ऊपर सिखों ने सवाल उठाने शुरू कर दिए है। हालांकि पंजाब पुलिस ने सुरक्षा प्रबंधों की पालना करते हुए यह दखलंदाजी की थी। इस संबंध में बकायदा सार्वजनिक तौर पर श्री अकाल तख्त साहिब के सिंह साहिबान जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह ने एसजीपीसी समेत पंजाब सरकार को बंदीछोड़ दिवस के अवसर पर किसी भी प्रकार की विरोधी समूहों द्वारा हुल्लड़बाजी और नारेबाजी पर सख्ती बरतने को कहा था। ताकि कौम के नाम संदेश देते समय सिंह साहिबान ज्ञानी गुरबचन सिंह की कोई विरोधता ना कर सकें। यह सभी सुरक्षा प्रबंध ज्ञानी गुबरचन सिंह द्वारा संगत को संदेश देने के लिए किए गए थे।

हालांकि दूसरी तरफ सरबत खालसा द्वारा नियुक्त जत्थेदार भाई ध्यान सिंह मंड ने भी संदेश देने का ऐलान किया था। 10 दिसंबर 2015 को चब्बे की धरती पर हुए सरबत खालसा में श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यकारिणी जत्थेदार के रूप में नियुक्त किए गए सिंह साहिबान भाई ध्यान सिंह मंड ने कहा है कि बंदीछोड़ दिवस के अवसर पर सिख कौम के ऊपर अपना जबरी संदेश थोपने के लिए श्री दरबार साहिब परिसर में अपनी सुरक्षा के लिए पुलिस को अंदर बुलाकर जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह और शिरोमणि कमेटी के प्रधान प्रो. कृपाल सिंह बंडूगर ने गुरू घर की मर्यादा का उल्लंघन किया है, इस बारे शिरोमणि कमेटी और जत्थेदार को जवाब देना पड़ेंगा।

सरबत खालसा के जत्थेदार ध्यान सिंह मंड, जत्थेदार बाबा बलजीत सिंह दादूवाल और जत्थेदार भाई अमरीक सिंह अजनाला ने सरबत खालसा के कंट्रोल रूम से सांझा बयान जारी करते हुए कहा है कि जो लोग 1984 में कांग्रेस को दरबार साहिब में सेना भेजने का दोषी मानकर प्रचार करते नहीं थकते, वही लोग अब कांग्रेस सरकार से अपनी सुरक्षा के लिए पुलिस फोर्स दरबार साहिब में मंगवाकर गुरू घर की मर्यादाएं भंग कर रहे है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार कैप्टन सरकार ने बादलों के साथ मिलकर इन आगुओं को सुरक्षा दी, उससे कैप्टन अमरेंद्र सिंह और बादलों की दोस्ती जग जाहिर हुई हैैैै। उन्होंने पंजाब सरकार को लताड़ते हुए कहा कि सिखों के ऊपर गुरूधामों के दर्शन और स्नान करने पर लगाई गई पाबंदी से गुरेज करें।

– सुनीलराय कामरेड

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