पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप की मुलाकात के बाद, रक्षा सहयोग समेत 10 बड़े ऐलान
मुंबई हमले के आरोपी राणा को भारत भेजेगा अमेरिका: ट्रंप
पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप की मुलाकात गुरुवार देर रात (भारतीय समय के मुताबिक शुक्रवार सुबह 3 बजे) व्हाइट हाउस में हुई। इस दौरान दोनों ने एक-दूजे को गले लगाया और ट्रंप ने माना कि उन्होंने पीएम मोदी को मिस किया। टैरिफ मामले को लेकर पीएम मोदी की तारीफ की और उन्हें एक टफ नेगोशिएटर करार दिया। इस बैठक में भारत- अमेरिका व्यापार, रक्षा सहयोग, आतंकवाद विरोधी रणनीति और ऊर्जा साझेदारी जैसे कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। दोनों देशों ने अगले पांच वर्षों में आपसी व्यापार को दोगुना करने का लक्ष्य रखा और रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने पर सहमति जताई। आइए जानते हैं इस ऐतिहासिक बैठक की 10 प्रमुख बातें।
राष्ट्रपति ट्रंप ने घोषणा की कि 2008 के मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को भारत प्रत्यर्पित किया जाएगा। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में इस फैसले को मंजूरी दी थी। भारत लंबे समय से राणा को सौंपने की मांग कर रहा था, जिससे अब न्याय की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी अमेरिका और भारत ने इस्लामिक आतंकवाद के खिलाफ मिलकर काम करने का फैसला किया। दोनों देशों ने आतंकवादी संगठनों के वित्तपोषण को रोकने, खुफिया जानकारी साझा करने और वैश्विक आतंकवाद विरोधी अभियान में सहयोग बढ़ाने की बात कही। ट्रंप ने कहा कि कट्टरपंथी आतंकवाद पूरी दुनिया के लिए खतरा है और इसे रोकने के लिए दोनों देशों का गठबंधन महत्वपूर्ण होगा।
राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि भारत एशिया-प्रशांत क्षेत्र (इंडो-पैसिफिक) में एक प्रमुख रणनीतिक सहयोगी है। उन्होंने क्वाड (भारत, अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया) साझेदारी को मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई, जिससे क्षेत्रीय शांति और स्थिरता सुनिश्चित हो सके। इस पहल से भारत की सुरक्षा भूमिका और मजबूत होगी। बैठक के दौरान अमेरिका ने भारत को और अधिक रक्षा तकनीक और सैन्य उपकरण देने पर सहमति जताई। ट्रंप ने कहा कि भारत को अत्याधुनिक हथियार, लड़ाकू विमान और सैन्य प्रणालियां मुहैया कराई जाएंगी। दोनों देशों ने रक्षा क्षेत्र में संयुक्त उत्पादन और तकनीकी साझेदारी को भी बढ़ाने का फैसला किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा की कि अमेरिका में भारतीय समुदाय की सुविधाओं को बढ़ाने के लिए लॉस एंजिलिस और बॉस्टन में नए भारतीय वाणिज्य दूतावास (कॉन्सुलेट) खोले जाएंगे। इससे भारतीय प्रवासियों को कांसुलर सेवाओं का लाभ मिलेगा और दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और व्यावसायिक संबंध और मजबूत होंगे।