Top NewsIndiaWorldOther StatesBusiness
Sports | CricketOther Games
Bollywood KesariHoroscopeHealth & LifestyleViral NewsTech & AutoGadgetsvastu-tipsExplainer
Advertisement

नोटबंदी के बाद बैंकों ने शहरों में बंद किए 358 ATM

NULL

02:53 PM Oct 28, 2017 IST | Desk Team

NULL

देश डिजिटल हो रहा है और सरकार भी कैशलेस इकोनॉमी की तरफ तेजी से कदम उठा रही है। इस साल जून से अगस्त तक देशभर में करीब 358 एटीएम बंद कर दिए गए हैं। वैसे पिछले चार वर्षों में एटीएम में 16.4 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है वहीं महज एक साल में ये गिरावट 3.6 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। बैंकों ने शहरों में कैशलेस इकोनॉमी बढ़ाने के लिए ATM की संख्या घटानी शुरू कर दी है।

नोटबंदी के बाद बैंकों ने शहरों में एटीएम को बंद करना और उसका परिचालन बंद करना शुरू कर दिया है। देश में भारतीय स्टेट बैंक का सबसे बड़ा एटीएम नेटवर्क है। 59,291 एटीएम के साथ देश में एसबीआई के है उसने जून में जहां 91 एटीएम को बंद किया है वहीं अगस्त में पंजाब नेशनल बैंक ने करीब 400 एटीएम को बंद किया है। वहीं एचडीएफसी, आईसीआईसीआई बैंक भी एटीएम बंद करने की कतार में शामिल हैं।

बैंकों के मुताबिक मेट्रो शहरों में एटीएम की मासिक ऑपरेशनल कॉस्ट पर 1 लाख रुपए तक खर्च होता है। मसलन मुंबई में प्राइम लोकेशन पर एटीएम का किराया करीब 40000 रुपए तक होता है। वहीं मेट्रो शहरों में कियोस्क के किराए के साथ सिक्योरिटी गार्ड, बिजली का बढ़ते खर्च को वजह बढ़ाया है। एक कियोस्क का खर्च लगभग 30,000 से एक लाख रुपए आ रहा है।

वहीं जानकारों ने बताया कि एटीएम को कम किए जाने की बहुत बड़ी वजह ट्रांजैक्शन का डिजिटल होना है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने एसोसिएट्स बैंकों के मर्जर के बाद कुछ एटीएम बंद किए हैं। वही बैंक का कहना है कि हमें यह फैसला करना था कि क्या किसी एटीएम पर आ रही लागत उसकी उपयोगिता के मुताबिक सही है। हमने ज्यादातर ऐसे एटीएम को बंद किया है, जिनके आसपास यानी 500 मीटर तक के दायरे में एसबीआई का कोई दूसरा एटीएम मौजूद था। इससे ग्राहकों को असुविधा नहीं होगी।

Advertisement
Advertisement
Next Article