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अनुच्छेद 370 रद्द होने के बाद पाक से लगी सीमा पर रोज 10-15 ड्रोन देखे जा रहे हैं : अधिकारी

जम्मू कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के रद्द होने के बाद शुरुआती कुछ महीनों के दौरान पाकिस्तान से लगी सीमा पर भारतीय चौकियों से सुरक्षा बलों ने रोजाना कम से कम 10-15 ड्रोन उड़ते देखे। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

03:34 PM Jan 10, 2020 IST | Shera Rajput

जम्मू कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के रद्द होने के बाद शुरुआती कुछ महीनों के दौरान पाकिस्तान से लगी सीमा पर भारतीय चौकियों से सुरक्षा बलों ने रोजाना कम से कम 10-15 ड्रोन उड़ते देखे। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

अनुच्छेद 370 रद्द होने के बाद पाक से लगी सीमा पर रोज 10 15 ड्रोन देखे जा रहे हैं   अधिकारी
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जम्मू कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के रद्द होने के बाद शुरुआती कुछ महीनों के दौरान पाकिस्तान से लगी सीमा पर भारतीय चौकियों से सुरक्षा बलों ने रोजाना कम से कम 10-15 ड्रोन उड़ते देखे। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
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उन्होंने कहा कि अब हालांकि इसमें कमी आई है और पंजाब तथा जम्मू के सीमावर्ती इलाकों में इनके नजर आने की संख्या एक से दो रह गई है। ऐसा संदेह है कि यह सीमा पार से निगरानी की एक कवायद है।
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उन्होंने कहा कि अगस्त पांच और अक्टूबर 2019 के बीच सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), स्थानीय पुलिस और अग्रिम इलाकों में तैनात दूसरी एजेंसियों द्वारा दैनिक आधार पर कम से कम 10-15 ड्रोन देखे जाते थे।
उन्होंने कहा कि तत्काल जवाबी कार्रवाई योजना के तहत बीएसएफ और राज्य पुलिस को इन ड्रोनों को तत्काल मार गिराने के निर्देश दिये गए थे।
सुरक्षा प्रतिष्ठान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हालांकि, ड्रोन को शूट करने या नीचे गिराने के लिये खास हथियार और प्रशिक्षण की जरूरत होती है जो अभी इन एजेंसियों के पास नहीं है।”
उन्होंने कहा, “ऐसे में, मौजूदा निर्देश ये है कि जब भी संभव हो और सीमा में हों तो उन्हें निशाना बनाया जाए और नीचे गिराया जाए।”
अधिकारी ने कहा कि ड्रोन देखे जाने के कुछ मामले पूर्व में गुजरात सीमा में भी सामने आए थे।
उन्होंने कहा कि एजेंसियां कुछ आधुनिक किस्म के ड्रोन की गतिविधियों को लेकर चिंतित हैं जिनकी पहचान मुश्किल होती है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय और अन्य केंद्रीय एजेंसियां इन गतिविधियों को लेकर सजग हैं और एंटी ड्रोन तकनीक व संचालन प्रोटोकॉल की प्रक्रिया पर काम चल रहा है।
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Shera Rajput

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