विधानसभा में प्रस्ताव पारित होने के बाद दुनिया को पता चला कि जम्मू-कश्मीर क्या चाहता है - उमर अब्दुल्ला
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने गुरुवार को कहा कि लोगों ने विधानसभा के माध्यम से अनुच्छेद 370 की बहाली के लिए अपनी आवाज उठाई है और दुनिया को बताया गया है कि यहां के लोग क्या चाहते हैं।
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने गुरुवार को कहा कि लोगों ने विधानसभा के माध्यम से अनुच्छेद 370 की बहाली के लिए अपनी आवाज उठाई है और दुनिया को बताया गया है कि यहां के लोग क्या चाहते हैं।
प्रस्ताव पारित होने पर पिछले दो दिनों से विधानसभा में हंगामा जारी
बुधवार को नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेतृत्व वाली सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा बहाल करने के लिए विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित किया था। प्रस्ताव पारित होने पर पिछले दो दिनों से विधानसभा में हंगामा जारी है।
उमर ने गांदरबल में एक पुल की नींव रखने के बाद एक समारोह के दौरान अपने संबोधन में कहा कि ‘‘मैंने चुनाव में आपसे बार-बार कहा था कि हमें इस विधानसभा के माध्यम से अपनी आवाज उठानी है। हमें इस विधानसभा के माध्यम से एक संदेश भेजना है कि 05 अगस्त 2019 को (जब जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर दिया गया) हमारे साथ जो हुआ वह हमें स्वीकार्य नहीं है। यह हमारी अनुमति, हमारी सहमति और हमारे परामर्श के बिना हुआ।’’ उमर ने विधानसभा सत्र के पहले दिन उन पर प्रस्ताव पारित नहीं करने का आरोप लगाने वालों पर निशाना साधा और कहा कि वे एक ऐसा प्रस्ताव पारित करना चाहते थे जिसे केंद्र सरकार भी नजरअंदाज नहीं कर सकती।
विधानसभा सत्र के पहले दिन प्रस्ताव का कहीं भी उल्लेख नहीं
उन्होंने कहा कि जब विधानसभा सत्र के पहले दिन प्रस्ताव का कहीं भी उल्लेख नहीं था, तो कुछ लोगों ने हमें ताना मारना शुरू कर दिया। कुछ ने कहा कि हम इसे भूल गए। हम धोखा देने वालों में से नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि ‘‘अंतर यह है कि हम ऐसे लोग हैं जो कानून जानते हैं। हम जानते हैं कि विधानसभा के माध्यम से चीजों को कैसे लाया जाना चाहिए। और हम चाहते थे कि विधानसभा के माध्यम से ऐसी आवाज उठे कि केंद्र सरकार भी नजरअंदाज न कर सके।’’ उमर ने कहा कि अन्यथा, हम पहले दिन ही ऐसा प्रस्ताव लाते, जिसे वे कूड़दान में फेंक देते, फिर क्या फायदा होता? उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि विधानसभा के माध्यम से ऐसी आवाज उठे जो केंद्र सरकार को कल उनसे बात करने के लिए मजबूर कर दे।
हम एक ऐसी आवाज़ चाहते थे जिसे केंद्र सरकार नज़रअंदाज न कर सके – उमर
उमर ने कहा कि ‘‘हम एक ऐसी आवाज़ चाहते थे जिसे केंद्र सरकार नज़रअंदाज न कर सके। और वह आवाज कल विधानसभा द्वारा उठाई गई और वह प्रस्ताव पारित किया गया और दुनिया को बताया गया कि हम क्या चाहते हैं और हम क्या प्राप्त करना चाहते हैं।