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भारत सरकार के खिलाफ डब्ल्यूटीओ पहुंचा ऑस्ट्रेलिया

इस मसले पर भारत और डब्ल्यूटीओ के अन्य सदस्य देशों के साथ आधिकारिक बातचीत करेंगे। इस महीने होने वाली डब्ल्यूटीओ की कृषि समिति की बैठक में उठाएंगे।

11:48 AM Nov 17, 2018 IST | Desk Team

इस मसले पर भारत और डब्ल्यूटीओ के अन्य सदस्य देशों के साथ आधिकारिक बातचीत करेंगे। इस महीने होने वाली डब्ल्यूटीओ की कृषि समिति की बैठक में उठाएंगे।

मेलबर्न : ऑस्ट्रेलिया ने भारत के खिलाफ चीनी पर सब्सिडी को लेकर विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में शिकायत दर्ज कराई है। उसका मानना है कि भारत सरकार की सब्सिडी नीति से दुनियाभर में चीनी की कीमतों में ‘भारी गिरावट’ आयी है जिसका नुकसान ऑस्ट्रेलियाई उत्पादकों को हुआ है। ऑस्ट्रेलिया का आरोप है कि इसी सब्सिडी के चलते इस साल भारत में चीनी का उत्पादन बढ़ कर 3.5 करोड़ टन तक पहुंच गया है जबकि इसका औसत उत्पादन 2 करोड़ टन सालाना है।

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आस्ट्रेलिया का आरोप है कि भारत कृषि सब्सिडी के मामले में डब्ल्यूटीओ की सीमाओं का उल्लंघन कर रहा है। एक खबर के मुताबिक भारत के साथ सीधे इस मुद्दे को कई बार उठाने के बाद ऑस्ट्रेलिया ने यह कार्रवाई की है। इसका मतलब यह है कि शुरुआत में यह मुद्दा डब्ल्यूटीओ की कृषि समिति की इस महीने होने वाली बैठक में उठाया जाएगा। ऑस्ट्रेलिया के व्यापार मंत्री सिमॉन बर्मिंघम ने कहा कि भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चीनी उत्पादक है।

चीनी पर अपनी नीतियों के माध्यम से वैश्विक बाजार को बिगाड़ने की जिम्मेदारी उसी की है। बर्मिंघम ने कहा कि​ हमने हमारे उद्योग की चिंताओं को भारत सरकार के अधिकारियों के स्तर पर कई बार उठाया है। अब हमारे सामने खुद के गन्ना किसानों और चीनी मिलों के हितों की रक्षा के लिए खड़ा होने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।

उन्होंने कहा कि अब वह इस मसले पर भारत और डब्ल्यूटीओ के अन्य सदस्य देशों के साथ आधिकारिक बातचीत करेंगे। वह इस मुद्दे को इस महीने होने वाली डब्ल्यूटीओ की कृषि समिति की बैठक में उठाएंगे। बर्मिंघम ने उम्मीद जतायी कि भारत, गन्ना उत्पादकों को दी जाने वाली एक अरब डॉलर से अधिक की सब्सिडी पर अपनी स्थिति पर पुनर्विचार करेगा, क्योंकि इससे चीनी की वैश्विक कीमतें दशक के निचले स्तर पर चली गई हैं। ऑस्ट्रेलिया दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा चीनी उत्पादक देश है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में हमारी भी एक महत्वपूर्ण भूमिका है।

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