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साहित्य साधना के युग पुरूष थे सूरिदेव

श्रीरंजन संस्कृत, प्राकृत, हिन्दी तथा प्राचीन भारतीय संस्कृति के प्रतिष्ठित विद्वान थे। इनके निधन से साहित्य जगत को अपूरणीय क्षति पहुंची है।

05:32 PM Nov 13, 2018 IST | Desk Team

श्रीरंजन संस्कृत, प्राकृत, हिन्दी तथा प्राचीन भारतीय संस्कृति के प्रतिष्ठित विद्वान थे। इनके निधन से साहित्य जगत को अपूरणीय क्षति पहुंची है।

पटना : पथ निर्माण मंत्री नन्द किशोर यादव ने हिन्दी साहित्य के लब्ध प्रतिष्ठ विद्वान आचार्य डा. श्रीरंजन सूरीदेव के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि वे साहित्य साधना के युग पुरूष थे। श्री यादव ने शोक संदेश में कहा कि श्रीरंजन सूरीदेव ने अपनी सतत् साधना द्वारा साहित्य व संस्कृति के विभिन्न क्षेत्रों में स्वीकारणीय प्रतिष्ठा अर्जित की। श्रीरंजन संस्कृत, प्राकृत, हिन्दी तथा प्राचीन भारतीय संस्कृति के प्रतिष्ठित विद्वान थे। इनके निधन से साहित्य जगत को अपूरणीय क्षति पहुंची है।

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने जाने-माने साहित्यकार 94 वर्षीय रंजन सूरिदेव के निधन पर शोक व्यक्त किया है। अपने शोक संदेश में श्री पांडेय ने कहा कि दिवंगत साहित्यकार की कई भाषाओं में पकड़ थी। उनकी लेखनी ने समाज को नई दिशा दी थी। उनके निधन से साहित्य जगत को अपूरणीय क्षति हुई है, जिसकी भरपाई मुश्किल है। संकट की इस घड़ी में शोक संतप्त परिवार को धैर्य रखने की प्रार्थना करते हुए कहा कि ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें।

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