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यूरेनियम आयात के लिए भारत और उज्बेकिस्तान में करार

उज्बेकिस्तान में आवासीय और सामाजिक बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए भारत से वित्तपोषण के लिए 20 करोड़ डॉलर कर्ज के समझौते पर दोनों देशों ने हस्ताक्षर किए।

12:00 PM Jan 19, 2019 IST | Desk Team

उज्बेकिस्तान में आवासीय और सामाजिक बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए भारत से वित्तपोषण के लिए 20 करोड़ डॉलर कर्ज के समझौते पर दोनों देशों ने हस्ताक्षर किए।

अहमदाबाद : भारत ने उज्बेकिस्तान से यूरेनियम के आयात के लिए शुक्रवार को उज्बेकिस्तान के साथ एक करार किया। करार वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट 2019 के इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शावकत मिर्जियोयेव के बीच द्विपक्षीय वार्ता के बाद किया गया। उज्बेकिस्तान में आवासीय और सामाजिक बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए भारत से वित्तपोषण के लिए 20 करोड़ डॉलर कर्ज के एक समझौते पर भी दोनों देशों ने हस्ताक्षर किए।

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विदेश मंत्रालय ने कहा, दोनों नेता भारत की ऊर्जा जरूरतों के लिए लंबी अवधि तक यूरेनियम अयस्क की आपूर्ति के लिए भारतीय परमाणु ऊर्जा विभाग और उज्बेकिस्तान गणराज्य की नोवोई मिनरल्स एंड मेटलर्जिकल कंपनी के बीच हुए करार के साक्षी बने। विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, 2018 में मिर्जियोयेव के भारत दौरे के दौरान लिए गए विभिन्न फैसलों की दिशा में हुई प्रगति और कार्यान्वयन पर मोदी ने संतोष जताया।

राष्ट्रपति के राजकीय दौरे के दौरान गुजरात और उज्बेकिस्तान के आंदीजान के बीच सहयोग को लेकर समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर किए गए हस्ताक्षर का जिक्र करते हुए मोदी ने उम्मीद जताई कि राष्ट्रपति मिर्जियोयेव के दौर से उज्बेकिस्तान और भारत के बीच और आंदीजान-गुजरात के बीच सहयोग में आगे और मजबूती आएगी। फार्मास्युटिकल सेक्टर में निवेश आकर्षित करने के लिए आंदीजान में उज्बेक-भारतीय फार्मास्युटिकल जोन विकसित किया जा रहा है।

उज्बेकिस्तान का दक्षिण-पूर्वी इलाका आंदीजान किर्गिस्तान की सीमा के पास स्थित है। भारत, उज्बेकिस्तान को मुख्य रूप से मेकेनिकल उपकरण, वाहन, ऑप्टिकल इंस्ट्रमेंट और उपकरणों का निर्यात करता है। इसके अलावा भारत के निर्यात में सेवा क्षेत्र भी शामिल है। मिर्जियोयेव ने मोदी को बताया कि उज्बेकिस्तान भारत से निवेश आकर्षित करने को भी उच्च वरीयता देता है। उन्होंने कहा कि आईटी, शिक्षा, फार्मास्युटिकल, स्वास्थ्य देखभाल, कृषि व्यवसाय और पर्यटन जैसे कुछ प्राथमिकता के क्षेत्र हैं, जिनमें उज्बेकिस्तान भारत के साथ सहयोग की अपेक्षा रखता है।

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